
संवाददाता
कानपुर। गोवा में 9 अक्टूबर को होने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्पल फेस्ट के लिए शनिवार को कानपुर के दिव्यांग सुनील मंगल अपनी विशेष कार से रवाना हुए। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने सिविल लाइन स्थित कैंप कार्यालय से दिव्यांग कार अभियान यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने सुनील मंगल को शॉल पहनाकर सम्मानित किया और कहा कि काम न करने वालों के लिए सैकड़ों बहाने होते हैं, लेकिन सुनील मंगल के पास कोई बहाना नहीं है। उन्होंने अपने जज्बे और आत्मबल से यह साबित किया है कि इच्छाशक्ति के आगे कोई भी सीमा आड़े नहीं आती।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पर्पल फेस्ट, जो 9 अक्टूबर से गोवा में आयोजित हो रहा है, उसका उद्देश्य दिव्यांगजनों के लिए समावेश, सुगमता और गरिमा को पुनर्स्थापित करना है।
भारत सरकार की पहल पर गोवा में 9 से 12 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पर्पल फेस्ट में लगभग 45 देशों से अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त दिव्यांगजन भाग लेंगे। इस वर्ष तीसरे लगातार साल गोवा सरकार को आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
फेस्ट में 252 प्रकार के आयोजन होंगे जिनमें पर्पल फन, पर्पल स्पोर्ट्स, पर्पल कैलिडोस्कोप, पर्पल एक्सपीरियेंस जोन, पर्पल थिंक टैंक, पर्पल कॉन्फ्रेंस एवं पर्पल एक्जीविशन जोन प्रमुख आकर्षण रहेंगे।
कानपुर से शुरू हुई यह दिव्यांग कार यात्रा अभियान का नेतृत्व सुनील मंगल कर रहे हैं। उनके साथ चंडीगढ़ के दिव्यांग राहुल सिंह और वीर सिंह, ग्वालियर के बलविंदर सिंह एवं नरेन्द्र सिंह अपनी-अपनी हाथों से चलने वाली कारों से यात्रा पूरी करेंगे।
यह यात्रा कानपुर से रवाना होकर झांसी, शिवपुरी, कोटा, उज्जैन, इंदौर, खरगोन, नागपुर, मालेगांव, अहमदनगर, पुणे, सतारा, कोल्हापुर होते हुए 8 अक्टूबर को गोवा पहुंचेगी।
सुनील मंगल पिछले 33 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीमा व्यवसाय से जुड़े हैं। अब तक 4000 से अधिक दिव्यांगजनों को व्यावसायिक कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दे चुके हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश का पहला दिव्यांग कार लाइसेंस वर्ष 1999 में प्राप्त किया था।
वह अब तक 3,50,000 किलोमीटर से अधिक की ड्राइविंग कर चुके हैं और उन्होंने 2022 में लेह-लद्दाख की लंबी यात्रा भी सफलतापूर्वक पूरी की थी।





