December 26, 2025

संवाददाता
कानपुर। 
उन्नाव से कानपुर को जोड़ने वाला गंगा पुल जर्जर हालत में पहुंच चुका है, लेकिन मरम्मत की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान ने अगस्त 2024 में पुल का सर्वे करके इसकी मरम्मत की सिफारिश की थी, लेकिन पांच महीने बीत जाने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसका खामियाजा रोजाना हजारों यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
पुल का फुटपाथ पूरी तरह से चलने लायक नहीं बचा है और कई स्थानों से टूट चुका है। सुरक्षा के नाम पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टूटे हिस्सों पर पत्थर रख दिए हैं। कई जगह रेलिंग भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है। उन्नाव से कानपुर की ओर आने-जाने वाले वाहनों को गड्ढों और अत्यधिक कंपन के कारण धीमी गति से गुजरना पड़ता है, जिससे आए दिन लंबा जाम लग रहा है।
यह गंगा पुल वर्ष 1975 में बनाया गया था। इससे पहले इसकी मरम्मत वर्ष 2009 और 2021 में की गई थी। वर्ष 2021 में पुल की बेयरिंग बदली गई थी। 

केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान की रिपोर्ट आने के बाद अगस्त 2025 में बारिश के बाद तीन महीने तक चलने वाली मरम्मत की योजना बनाई गई थी और इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू की गई थी।
लेकिन मरम्मत के लिए जरूरी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट  पिछले पांच महीनों से तैयार नहीं हो पाई है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कानपुर के परियोजना निदेशक पंकज यादव ने पहले पुल को बंद करके मरम्मत कराने की बात कही थी, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
फिलहाल पुल की बेयरिंग और स्लैब में दरारें आ चुकी हैं और कंपन काफी बढ़ गया है। अधिकारियों का कहना है कि अब पुल की मरम्मत जनवरी 2026 के बाद ही संभव हो पाएगी। बढ़ते यातायात के दबाव के चलते मरम्मत कार्य में और देरी होने की आशंका भी जताई जा रही है। 

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