आ स. संवाददाता
कानपुर। एसीपी मोहसिन खान पर पीएचडी छात्रा द्वारा लगाए गए आरोपो के बाद एक नया खुलासा हुआ है। एसीपी का आईआईटी कानपुर का जो आईकार्ड बना है, उसमें इमरजेंसी नंबर में छात्रा का नंबर पड़ा है।
इस पर आईआईटी कानपुर के मीडिया सेल का कहना है, कि अमूमन लोग इमरजेंसी नंबर में अपने घर वालों का नंबर डालते हैं, लेकिन मोहसिन खान ने उस लड़की का नंबर क्यों डाला ये पता नहीं।
पीड़िता ने तहरीर में बताया है कि दिसंबर 2023 में आईआईटी कानपुर के साइबर सेल में मोहसिन खान से पहली मुलाकात हुई थी। इसके बाद छात्रा ने ये भी बताया है कि जून 2024 में मोहसिन खान ने संपर्क कर कहा था कि वह उसकी गाइडेंस के तहत पीएचडी करने में रूचि रखते हैं।
छात्रा के मुताबिक पीएचडी में दाखिला लेने के लिए जो भी प्रक्रिया होती है, उसे पूरा कराने में उसने मोहसिन की मदद की थी। आईआईटी प्रशासन की माने तो मोहसिन ने सभी स्टेप को पार किया है जो पीएचडी करने वालों को करना होता है। मोहसिन खान ने सभी इंटरव्यू पास किए थे। इसके बाद ही उसका दाखिला हुआ था। इतना ही नहीं छात्रा ने अपने पास से मोहसिन का प्रवेश शुल्क भी जमा किया था।
छात्रा को एसीपी की हकीकत नवंबर माह में पता चला। एक दोस्त के जरिए उसे पता चला था, कि मोहसिन खान पहले से ही शादीशुदा है।
लेकिन इस बात का खुलासा होना बाकी है कि आखिर मोहसिन ने अपने आईकार्ड में घर वालों की जगह पर छात्रा का नंबर क्यों डलवाया था।