April 26, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के सी3हब  ने गृह मंत्रालय के तहत कार्यरत इंडियन साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के सहयोग से साइबर कमांडोज़ के पहले बैच का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है।

छह महीने के रेजीडेंशियल साइबर कमांडो ट्रेनिंग प्रोग्राम का समापन समारोह आज आईआईटी कानपुर के नोएडा आउटरीच सेंटर में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम कानून प्रवर्तन एजेंसियों के भीतर साइबर सुरक्षा क्षमताओं को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस अवसर पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मनींद्र अग्रवाल ने कहा कि भारत का डिजिटल भविष्य केवल नवाचार पर नहीं, बल्कि सुरक्षा पर भी निर्भर करता है। साइबर कमांडो ट्रेनिंग प्रोग्राम एक रणनीतिक राष्ट्रीय पहल है, जिसका उद्देश्य राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों में साइबर प्रशिक्षित कर्मियों का एक समूह तैयार करना है। ये साइबर कमांडो साइबर अपराधों की जांच, डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा और देश की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे। पहले बैच की सफलतापूर्वक समाप्ति के साथ, भविष्य के बैचों के लिए एक सुदृढ़ आधार तैयार हो चुका है, जो डिजिटल युग में कानून प्रवर्तन की क्षमताओं को और सशक्त बनाएगा।

इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों से कुल 36 अधिकारियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण में साइबर डिफेंस, एथिकल हैकिंग, डिजिटल फॉरेंसिक, पेनिट्रेशन टेस्टिंग जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल थे। इसके अतिरिक्त हार्डवेयर सुरक्षा, ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी, और साइबर सुरक्षा पर विशेष बूटकैंप आयोजित किए गए।

इस प्रशिक्षण में उद्योग विशेषज्ञों के व्याख्यान और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, सीईआरटी – इन  और सीएसआईआरटी पावर जैसे संस्थानों के भ्रमण भी शामिल थे।

सभी प्रतिभागी अधिकारियों को ईसी -काउन्सिल  से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट मिले हैं, जिनमें सर्टिफाइड एथिकल हैकर, कंप्यूटर हैकिंग फॉरेंसिक इन्वेस्टीगेटर और सर्टिफाइड थ्रेट इंटेलिजेंस एनालिस्ट शामिल हैं।

इस समारोह में कई प्रतिष्ठित अतिथि उपस्थिति रहे। जिनमें राजेश कुमार, कर्नल अरविंद कुमार, आशुतोष  बहुगुणा, तिलोत्तमा वर्मा आईपीएस,  बिनोद कुमार सिंह आईपीएस, डॉ. जी.के. गोस्वामी आईपीएस और प्रो. संदीप शुक्ला शामिल थे।