आ स. संवाददाता
कानपुर। वर्ष 2018 में पकड़े गए आतंकी कमरूज्जमा को सजा दिलाने के लिए एनआईए द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में और भी कई बड़े खुलासे हुए हैं। इस घटना की विवेचना करते हुए एनआईए को जानकारी मिली थी कि असम से किश्तवाड़ फिर लखनऊ और कानपुर तक में आतंकी कमरूज्जमा में ब्लैकबेरी फोन के ब्लैकबेरी मैसेंजर सर्विस का इस्तेमाल किया था।
इसके जरिए ही वह अपने साथी आतंकियों के सम्पर्क में रहता था। इतना ही नहीं सुरक्षा एजेंसियों को धोखे में रखने के लिए ब्लैकबेरी मैसेंजर में कमरूज्जमा के साथियों ने अजीब अजीब तरह के यूजरनेम का प्रयोग किया था। मैसेजों की डीटेलिंग के साथ ही एनआईए ने कमरूज्जमा के बैंक खातों की डीटेल भी निकाल ली है ।
कमरूज्जमा के पकड़े जाने के बाद एनआईए ने इस केस में विस्तृत तरह से काम किया। उसके मोबाइल पर मंदिरों व धार्मिक स्थलों के वीडियों तो मिले ही थे जिन्हें फोरेंसिक लैब में भेजकर यह पुष्टि कराई गई कि कमरूज्ज्मा जो फोन इस्तेमाल कर रहा था उसी से सारे वीडियो बनाए गए थे।
चार्जशीट में जानकारी दी गई है कि कमरूज्जमा औऱ उसके साथी ब्लैकबेरी फोन का इस्तेमाल करते थे। एनआईए सूत्र बताते हैं कि जिस वक्त कमरूज्जमा गिरफ्तार हुआ था तब ब्लैकबेरी मैसेंजर सबसे मजबूत एनक्रिप्टेड मैसेजिंग सर्विस थी। जिसका रिकार्ड मिलना अत्याधिक मुश्किल था।
एनआईए की चार्जशीट में जानकारी दी गई है कि कमरूज्जमा ने बीबीएम पर अपना यूजर नेम शोबूम रखा था। यह इसी नाम से अपने साथियों के सम्पर्क में रहता था।
लखनऊ निवासी तौफीक ने अपना यूजर नेम वॉलनट खाओ दिमाग की बत्ती जलाओ रखा था। तौफीक हिजबुल मुजाहिद्दीन कश्मीर रीजन के मुखिया रियाज नायकू का करीबी था। कमरूज्जमा को कानपुर में तौफीक को ही हथियार और विस्फोटक दिलाने थे
जम्मू कश्मीर वैली निवासी मीर मुसाहिब का यूजर नेम था हंदवारा में हमारे दो साथी शहीद हुए, अल्लाह उनके दरजत बुलंद करे। आमीन। मीर ओसामा अल जावेद को करीब था। मीर को कमरूज्जमा से मिलवाने वाला भी ओसामा था।
डचिन सुंदर किश्तवार कश्मीर निवासी ओसामा का यूजर आईडी ओसामा ही था। इसके बाद भी कमरूज्जमा को ओसामा ने चैट डिलीट करने वाले निर्देश दिए थे
कश्मीर निवासी उकब का यूजर आईडी था वाची से दो कैस्पर गई मलहूरा की तरफ। ब्लैकबेरी मैसेंजर के जरिए उकब आर्मी की सूचनाएं आतंकियों को देता था
कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ विलियमसन का यूजर आईडी था चकूरा की तरफ बहुत फौज है। रियाज नायकू ने अपना यह नाम यूजर नेम में रखा था। कानपुर में रहते हुए कमरूज्जमा ने रियाज नायकू से सम्पर्क भी किया था।
कमरूज्जमा के कानपुर आने से पहले मोहम्मद मुज्जफर अहमद मीर ने जम्मू कश्मीर बैंत में ओमार भारूक के खाते में तीस हजार रुपए ट्रांसफर किए थे। ओमार फारूक के जरिए यही पैसा यूनाइटेड बैंक जमुनामुख होजोई अमस में कमरूज्जमा के खाते में एनईएफटी के जरिए ट्रांसफर किए गए थे। कानपुर आने के बद कमरूज्जमा ने यही पैसा तीन ट्रांजेक्शन में कानपुर में निकाला था।