October 5, 2024

45 दिन बीतने पर भी एजेंसियों के हाथ खाली।

कानपुर। नगर में ट्रेनों को उड़ाने या डिरेल करने की साजिश लगातार रची जा रही है। एक-दो नहीं अब तक चार मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन अब तक पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को कोई सुराग नहीं मिल सका है। जबकि इसकी जांच के लिए  पुलिस से लेकर जीआरपी, आरपीएफ के साथ ही आईबी, एटीएस और एनआईए जैसी बड़ी सुरक्षा एजेंसियों को लगाया गया है। 

एजेंसियों ने कानपुर में डेरा डाला और जांच शुरू की, लेकिन 45 दिन बीत जाने के बाद भी जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। इसी क्रम में रविवार भोर में मुंबई से कानपुर की ओर आने वाली पुष्पक एक्सप्रेस (12534), की ट्रैक पर गोविंदपुरी स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर आग बुझाने वाला सिलेंडर देखते ही लोको पायलट एके भसीन ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। इसके बाद कंट्रोल रूम को मैसेज किया। सूचना मिलते ही मौके पर आरपीएफ और जीआरपी जांच करने पहुंची। इसके बाद सिलेंडर को जांच के लिए कब्जे में ले लिया। रेलवे पुलिस और कैरिज एंड वैगन विभागों ने इसकी सूचना दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पुष्पक के पहले इधर से 22538 कुशीनगर एक्सप्रेस गुजरी थी। उसी ट्रेन से यह सिलेंडर गिरने या फिर किसी अराजक तत्व ने इसे रेलवे ट्रैक पर फेंका होगा। स्टेशन से 400 मीटर दूरी पर सिलेंडर पड़ा था। ड्राइवर एके भसीन ने बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस भीमसेन से कानपुर सेंट्रल की तरफ बढ़ रही थी। गोविंपुरी स्टेशन वह पहुंचने ही वाली थी कि 400 मीटर पर ट्रैक पर सिलेंडर दिखा तो उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया, ट्रेन रोकने के बाद सुबह 4:14 बजे कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद सहायक चालक के साथ सिलेंडर को चेक किया तो सिलेंडर पर इश्यू होने की तारीख लिखी थी। आरपीएफ ने कैरिज एंड वैगन विभाग को सिलेंडर दे दिया है। रेलवे ने सिलेंडर गिरने की सच्चाई जानने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसके साथ ही पूर्व में इसी तरह के मामले सामने आए है ।  

इस बार गोविंदपुरी स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर आग बुझाने वाला सिलेंडर मिला है। यह किसी ट्रेन से गिर गया या फिर इसे साजिश के तहत फेंका गया है। इसकी जांच करने के लिए तीन सदस्यी जांच कमेटी गठित कर दी गई है। उधर पूर्व में हुए तीन बार ट्रेनों को पलटाने या उड़ाने की साजिश में पुलिस और जांच एजेंसियों के हाथ खाली हैं। साजिश करने वालों का कोई सुराग नहीं मिल सका है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को यह पता नहीं चल सका है कि आखिर बार-बार कानपुर में ट्रेन को डिरेल करने या उड़ाने की साजिश कौन रच रहा है। इतना ही नहीं अब तक की जांच-पड़ताल में यह भी साफ नहीं हो सका है कि यह आतंकी साजिश है या शरारत। पुलिस और जांच एजेंसियों को कुछ भी ऐसा नहीं मिला जिससे साफ तौर पर कहा जा सके कि यह आतंकी शाजिस है। फिलहाल पुलिस और जांच एजेंसियां एक बार फिर रेलवे ट्रैक पर आग बुझाने वाला सिलेंडर मिलने के बाद अलर्ट हो गई हैं। सभी मामलों की जांच की जा रही है।