
आ स. संवाददाता
कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर की ग्रह वैज्ञानिक डॉ. निमिषा अवस्थी ने बताया कि सर्दी के प्रारंभ से ही अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें। डा. निमिषा ने बताया कि प्रदेश में अब ठंड बढ़ने का एलर्ट जारी हो चुका है, तापमान कम होने से बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को होती है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। इस श्रेणी में बच्चे और बुजुर्ग दोनों ही आते हैं। आप अपने बुजुर्गो का भी ऐसे ख्याल रखें कि उन्हे किसी भी तरह की बीमारी छू भी न सके।
बुढ़ापे में जब विटामिन डी का लेवल काफी ज्यादा घट जाता है तो इसके कारण सर्दियों में जोड़ों से जुड़ी दिक्कतें होने लगती है। अगर आपके माता पिता को गठिया की दिक्कत है तो आपको ध्यान रखना होगा कि उनके जोड़ों पर सीधी हवा न लगे। इसके लिए उन्हें उचित गर्म कपड़े जरूर पहनाएं। रूम का तापमान आरामदायक रखें, ताकि उन्हें ठंड की वजह से किसी तरह की परेशानी ना हो।
आपके माता-पिता अगर बहुत बुजुर्ग है तो सुबह ठंड में वॉक पर जाना खतरनाक हो सकता है। ऐसे में आप घर पर ही उन्हें हल्के-फुल्के एक्सरसाइज करवाते रहें। मेडिटेशन और योग कराना भी फायदेमंद होता है।
बुजुर्गों को ठंड में विटामिन सी युक्त फल और सब्जी जरूर खिलाएं। इससे उनकी इम्यूनिटी मजबूत रहेगी और किसी भी तरह की संक्रामक बीमारियों का खतरा नहीं होगा।
सर्दियों में अगर उन्हें किसी तरह की दिक्कत होती है और वह दवा लेते हैं तो आप वक्त पर उन्हें दवा देते रहें।
बुजुर्गो का पाचन कमजोर होता है और ठंड में पाचन क्रिया ज्यादा समय लेती है। ऐसे में जरूरी है की उनको पर्याप्त पोषण मिले किंतु उनका आहार भारी न हो। उनके लिए मूंग की दाल की दलिया, ओट्स, चिल्ला, इडली इत्यादि अच्छे पोषक आहार है।
डा. निमिषा ने बताया कि अन्जीर खाने से कब्ज तो ठीक होता ही है, साथ ही शरीर को एनर्जी भी मिलती है, सर्दियों में बाजरा, गुड़ का सेवन करने से शरीर में गर्माहट भी बनी रहती है।