
आ स. संवाददाता
कानपुर। आईआईटी की छात्रा से यौन उत्पीड़न केस में फंसे एसीपी मोहसिन खान ने अपने मोबाइल का डाटा डिलीट करके जांच टीम को सौंपा है। जांच में यह खुलासा हुआ कि मोबाइल से एसीपी और छात्रा की वॉट्सऐप चैट और फोटो समेत सारा डाटा डिलीट किया गया है।
छात्रा ने मुकदमा कराने के बाद ही दावा किया था कि मोहसिन को 10 साल का साइबर क्राइम पुलिसिंग का अनुभव है। अगर उसका मोबाइल जांच के लिए नहीं लिया गया, तो मोबाइल से सभी अहम साक्ष्य मिटा दिया जाएगा।
आईआईटी छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में एसीपी मोहसिन खान पर 2 रिपोर्ट कल्याणपुर थाने में दर्ज हुई थी । यौन उत्पीड़न के मामले में एसीपी मोहसिन का बयान दर्ज करने के बाद उसका मोबाइल फोन भी जांच के लिए पुलिस ने ले लिया है।
एसआईटी ने मोहसिन का मोबाइल फोन खंगाला तो उसका पूरा डाटा डिलीट था। जबकि छात्रा के मोबाइल फोन में लगभग पूरी जानकारियां सुरक्षित थीं। छात्रा का मोबाइल और लैपटॉप रिपोर्ट दर्ज होने के दूसरे दिन ही जांच के लिए पुलिस ने अपने कब्जे में लिया था। उस समय छात्रा ने कहा था कि पीड़िता का मोबाइल, लैपटॉप जांच को लिया गया है, लेकिन आरोपी को पुलिस इतनी सहूलियत दे रही है कि महीनों बाद भी उसका मोबाइल जांच के लिए जमा नहीं किया गया है।
मोहसिन के मोबाइल की एसआईटी ने जांच की तो छात्रा की ओर से लगाए गए आरोप सच निकले। एसीपी के मोबाइल का पूरा डाटा डिलीट है। मोहसिन साइबर एक्सपर्ट हैं। कानपुर में तैनाती के दौरान एसीपी कलक्टरगंज के साथ ही एसीपी क्राइमब्रांच भी थे।
मामले की जांच कर रही एसआईटी ने एसीपी मोहसिन का मोबाइल जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लैब लखनऊ भेज दिया है। इसके साथ ही मोहसिन के मोबाइल का डाटा रिकवर करने के लिए भी प्रयासरत है। जिससे मोहसिन के मोबाइल से अहम साक्ष्य मिल सकें। डाटा रिकवर होने के बाद हर बिन्दु और कड़ी को मिलाया जा सकेगा। चार्जशीट तैयार करने के लिए सभी अहम सबूतों को जुटाया जा सके। एसआईटी डाटा रिकवर होने पर दोनों के बीच बातचीत और मुलाकात की कड़ियों को जोड़ेगी।
एसआईटी में शामिल एक अफसर ने बताया कि एसीपी का मोबाइल देखकर लग रहा है कि वह उनका वो मोबाइल नहीं है जिस मोबाइल से छात्रा से बातचीत, वॉट्सऐप चैटिंग करते थे। अगर जांच में एसीपी ने दूसरा मोबाइल दिया होगा तो एक बात तो साफ है कि मोहसिन के खिलाफ मोबाइल से संबंधित एक भी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बरामद नहीं हो सकेगा।