January 13, 2025
आ.स. संवाददाता
कानपुर। प्रदेश की राजनीति में अपना एक अहम स्थान रखने वाले जनसत्ता दल के संस्थापक राजा भईया के नजदीकी का नाम हजार करोड़ की नजूल वाली जमीन कब्जाकांड में नाम जुडे होने से सभी गलियारों में हडकम्प  मच गया है। सिविल लाइन वाली नजूल कब्जाकाण्ड में नगर के अमित सिंह उर्फ मीतू का नाम सामने आया है जो  राजा भैया की पार्टी के कानपुर मंडल के संरक्षक हैं और वह राजा भैया के करीबी बताए जाते हैं।मामले में अमित सिंह उर्फ मीतू से पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया है। अब अमित सिंह ने खुद को बचाने के लिए मुख्य आरोपी हरेंद्र मसीह पर ठगी का आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर और डीएम को प्रार्थना पत्र सौंपा है।कानपुर के सबसे प्राइम लोकेशन सिविल लाइन में नजूल की 1 एक हजार करोड़ की जमीन कब्जाने में कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को जेल भेजा था। पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि इस जमीन को कब्जाने के लिए आनंदेश्वर एसोसिएट का गठन किया गया।इसी के जरिए अवनीश को पावर ऑफ अटर्नी करने वाले हरेंद्र मसीह को 25 लाख रुपए का भुगतान भी किया गया था। आनंदेश्वर एसोसिएट की जांच की गई तो सामने आया कि इसमें काकादेव निवासी कानपुर देहात से पूर्व विधायक दिवंगत अजीत सिंह के बेटे अमित कुमार सिंह उर्फ मीतू सिंह साइनिंग अथॉरिटी हैं।अमित के जरिए ही उसमें पैसों का ट्रांजैक्शन किया गया है। पुलिस ने अमित को पूछताछ के लिए उठाया लेकिन रसूखदार परिवार और राजा भइया की पार्टी से ताल्लुख रखने के चलते अमित को कुछ घंटे में ही पुलिस ने छोड़ दिया। जबकि अमित सिंह के खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं।रसूखदार परिवार से ताल्लुख रखने वाला अमित भले ही खुद को बेगुनाह बता रहे हैं, लेकिन अमित का एक तस्वीर भी सामने आया है। जिसमें कब्जा करने के दौरान भी अमित सिविल लाइन की विवादित नजूल की जमीन पर मौजूद थे। पुलिस की जांच के दौरान ये तस्वीर भी सामने आया है। एसीपी कोतवाली अमित से पूछताछ कर रहे हैं।कब्जाकांड के दौरान अमित सिंह उर्फ मीतू भी मौके पर थे। उनसे पूछताछ करते हुए पुलिस अधिकारी। कब्जाकांड के दौरान अमित सिंह उर्फ मीतू भी मौके पर थे। उनसे पूछताछ करते हुए पुलिस अधिकारी।पुलिस सूत्रों के अनुसार आनंदेश्वर एसोसिएट में अमित सिंह उर्फ मीतू और संदीप साइनिंग अथॉरिटी हैं। जबकि इसमें मुख्य मुकदमें में आरोपित व 25 हजार का इनामी विक्की चार्ल्स सिक्योरिटी ऑफिसर, मोहित बाजपेई प्रशासनिक ऑफिसर, जितेश झा केयर टेकर, राम प्रताप सिंह सदस्य, हरिओम गुप्ता सदस्य, सुधांशु तिवारी सदस्य और लॉयर्स एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री सरस शुक्ला शामिल हैं।अमित  सिंह उर्फ़ मीतू ने  बताया कि मैं काकादेव का रहने वाला हूं। राजा भैया के साथ लखनऊ में पढ़ा हूं। इसके चलते राजा भैया से उनकी नजदीकी होने के साथ ही राजनैतिक पार्टी में कानपुर मंडल के संरक्षक भी हैं।कानपुर में भी वह अपना स्कूल खोलना चाहते थे। हरेंद्र मसीह ने उन्हें नजूल के इस संपत्ति पर चल रहे स्कूल की जगह पर नया स्कूल बनाने के लिए जमीन देने की बात कही थी। उन्हें यह बिल्कुल जानकारी नहीं थी कि यह नजूल की संपत्ति है। इस वजह से वह आनंदेश्वर एसोसिएट से जुड़े और हरेंद्र मसीह को 25 लाख रुपए भी दिया था।अब उनका कहना है कि उनका इस पूरे कब्जाकांड से कोई लेना-देना नहीं है। यही बयान उन्होंने पुलिस की पूछताछ में भी दर्ज कराया है। जबकि दस्तावेजों से लेकर कब्जाकांड में उनकी मौजूदगी की भी तस्वीर तस्दीक कर रही है। अब मीतू सिंह ने इस केस से खुद को बचाने के लिए हरेंद्र मसीह के खिलाफ ठगी का प्रार्थना पत्र डीएम और पुलिस कमिश्नर ऑफिस में दिया है।एस आई टी  में शामिल एक इंस्पेक्टर भी मीतू सिंह के साथ लखनऊ में पढ़ा हुआ है। जांच के दौरान जब एसआईटी में शामिल इंस्पेक्टर और मीतू सिंह की कई बार बात हुई तब पता चला कि दोनों एक ही स्कूल से पढ़े हुए हैं। इसके बाद इंस्पेक्टर और मीतू के बीच नजदीकी बढ़ी और इंस्पेक्टर ने मीतू की मदद के लिए जांच अधिकारी एसीपी कोतवाली और कोतवाली इंस्पेक्टर से भी मीटिंग कराई थी।इस केस में जांच की जद में आया मीतू सिंह रसूखदार परिवार से ताल्लुख रखता है। मीतू के बहनोई भी रिटायर आईएएस अफसर हैं। शहर में चलने वाले पांच बीकानेर के आउटलेट मीतू सिंह के ही हैं। मीतू सिंह की कानपुर से लेकर फतेहपुर और कानपुर देहात में अरबों रुपए की संपत्ति है। मीतू की पैरवी में लखनऊ से लेकर दिल्ली तक के कई अफसरों के फोन कानपुर के अफसरों के पास पहुंच रहे हैं। आनंदेश्वर एसोसिएट के सदस्यों को लेकर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से पूछा गया तो उन्होंने जांच का हवाला देकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। जबकि एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि इस मामले की जांच एडिशनल सीपी हेडक्वार्टर विपिन मिश्रा कर रहे हैं। सभी अफसर एक-दूसरे पर टालते रहे। किसी ने मीतू सिंह और आनंदेश्वर एसोसिएट को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया कि आखिर किस सदस्य की क्या भूमिका है।