आ स. संवाददाता
कानपुर। कार्य के प्रति लापरवाही बरतने और मेगा लेदर क्लस्टर की अनूसूचित जाति की जमीनों के अनुमति की फाइलों में हेराफेरी करने के आरोप में पेशकार अंजली श्रीवास्तव को जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने हटा दिया है।
इनके स्थान पर शस्त्र लिपिक अखिलेश द्विवेदी को चार्ज सौंपा गया है। उन्होंने कार्यभार संभाल भी लिया है। हालांकि जिलाधिकारी ने जून माह में लिखित आदेश कर अंजली को न्यायालय पेशकार के पद से हटाकर नाजिर सदर पद पर तैनात करने का आदेश किया था। इसके बाद भी अनाधिकारिक रूप से वह पेशकार का कार्यभार संभाल रहीं थी।
पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में रमईपुर में प्रस्तावित मेगा लेदर क्लस्टर भी शामिल है। इसपर शासन स्तर से लगातार जोर दिया जा रहा है लेकिन इसके बाद भी तहसील में बैठे जिम्मेदार कर्मचारी लापरवाही बरत रहे थे। मेगा लेदर क्लस्टर के लिए करीब 11 बीघा भूमि अनुसूचित जाति के लोगों से खरीदने के लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेनी है।
आवेदन के बाद डीएम की लॉगिन से फाइल तहसीलदार की लॉगिन पर रिपोर्ट लगाने के लिए पहुंचता है। इसके सत्यापन के बाद ही लेखपाल और कानूनगो अपनी रिपोर्ट लगाते हैं। इसके बाद अनुसूचित जाति की जमीन खरीदने की आवेदक को अनुमति मिलती है। लेकिन मेगा लेदर क्लस्टर की जमीनों की फाइलें तहसीलदार सदर की लॉगिन पर पहुंचती थी तो उसमें हीलाहवाली की जाती थी या किसी कारण से निरस्त कर दी जाती थी। इसकी शिकायत लगातार जिलाधिकारी से की जा रही थी। जिसको संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल पेशकार को वहां से हटाने के लिए निर्देश दिए।
उनके स्थान पर शस्त्र लिपिक अखिलेश द्विवेदी को तहसीलदार पेशकार पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया गया। वहीं एसडीएम सदर लिपिक संजीव कुमार को नर्वल तहसील एसडीएम का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।