December 12, 2025

संवाददाता
कानपुर। 
मंगल भवन को लेकर राजनीतिक विवाद तेज होता जा रहा है। भवन के निर्माण के बाद से ही शहर की राजनीति में हलचल मची हुई है। भाजपा सांसद रमेश अवस्थी के महापौर प्रमिला पांडेय पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के बाद मामला और अधिक गरमा गया है।
इसके साथ ही भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने भी इस पूरे प्रकरण को गंभीर बताते हुए प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर कथित अनियमितताओं की शिकायत की है, जिससे सत्ताधारी दल के भीतर ही असंतोष खुलकर सामने आ गया है। 

सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी के अंदर से ही आवाज उठ रही है तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि “कुछ तो खेल है” और इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
मामले ने जैसे ही तूल पकड़ा, विपक्षी दलों ने भी सरकार और नगर निगम पर तीखी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। सपा के विधायक अमिताभ बाजपेई ने पूरे मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि महापौर पर जो आरोप लगे हैं, वे साधारण नहीं हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर पार्क की जमीन पर भवन कैसे बनाया गया, इसके लिए एनओसी कैसे जारी हुई, भवन का नक्शा कहां से पास हुआ और इसका संचालन किसके अधीन रहेगा।
उन्होंने कहा कि ये सभी सवाल मीडिया के माध्यम से जनता के सामने आए हैं। जिस तरह से खुद सत्ताधारी दल बीजेपी के सांसद इस विषय को उठा रहे हैं, उससे लगता है कि मामला कहीं न कहीं बेहद गंभीर है। उनका कहना है कि जब पार्टी के अंदर से ही आवाज उठ रहे हैं तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि “कुछ तो खेल है” और इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
कांग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी ने भी इस पूरे प्रकरण पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि “अभी आगे-आगे देखिए होता है क्या”, क्योंकि मामला केवल मंगल भवन तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि अब यह सत्ता के भीतर की खींचतान का रूप ले चुका है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ सांसद हैं और दूसरी तरफ शहर की प्रथम नागरिक महापौर प्रमिला पांडेय, और दोनों ही एक ही राजनीतिक दल से हैं, इसके बावजूद आपसी तालमेल की जगह आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। उन्होंने कहा कि जहां शहर के विकास पर ध्यान देना चाहिए था, मंगल भवन को सकारात्मक तरीके से शुरू किया जाना चाहिए था और इसकी सुविधाएं आम नागरिकों तक पहुंचनी चाहिए थीं, वहां अब निजी प्रतिष्ठा और छिपे हुए एजेंडे को लेकर लड़ाई लड़ी जा रही है।
उन्होंने कहा कि मंगल भवन को लेकर खड़े हुए इस विवाद का सबसे बड़ा नुकसान अब शहर की आम जनता को हो रहा है। विकास और जनहित के मुद्दे पीछे छूटते जा रहे हैं और राजनीतिक बयानबाजी आगे आ रही है।
कानपुर का मंगल भवन एक सामुदायिक भवन है, जो बृजेंद्र स्वरूप मैदान में बनाया गया है। इसे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए सामाजिक और मांगलिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बनाया गया है। 

यह भवन जेसीआई कानपुर इंडस्ट्रियल और नगर निगम कानपुर के सहयोग से तैयार हुआ है। नवनिर्मित भवन में लगभग 1000–3200 वर्ग मीटर में भव्य हॉल, लॉन, पार्किंग और रसोईघर जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं।
इसका उद्देश्य गरीब या अल्प‑आय वर्ग के लोगों को विवाह, जन्मदिन, पूजा या अन्य मांगलिक आयोजन करने का अवसर प्रदान करना है। भवन का किराया 11,000 रुपए से शुरू होकर विभिन्न श्रेणियों के लिए अधिक हो सकता है। मंगल भवन का निर्माण 2024 में शुरू हुआ और 2025 के अंत में पूरा होकर जनता के उपयोग के लिए खोला गया।