May 23, 2025

—नहीँ करवानी होगी बायोप्सी।

संवाददाता 

कानपुर।  कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए अब बायोप्सी जैसी जांचे कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सिर्फ मरीज की आवाज से ही ऐसी गंभीर बीमारी का पता चल पाएगा। आपको बता दे कि ये देश की पहली ऐसी डिवाइस होगी जो सिर्फ आवाज सुनकर बीमारी बताएगी।
गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज, कानपुर के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने बताया कि इस डिवाइस के माध्यम से मुंह, गले और ब्रेन में होने वाले कैंसर की जांच सिर्फ मरीज की आवाज के माध्यम से होगा।
ऐसा एआई आधारित सिस्टम से संभव होगा। इसके लिए मरीज को अस्पताल आने की भी जरूरत नहीं होगी। मरीज को केवल अपनी वाइस गूगल ड्राइव के माध्यम से मेडिकल कॉलेज के संबंधित डॉक्टर के मोबाइल पर भेजनी होगी। इसके कुछ समय बाद पता चल जाएगा कि मरीज को कैंसर है या नहीं।
उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के ईएनटी विभाग की ओर से इस पर काम किया जा रहा हैं। वर्तमान की बात करें तो ओपीडी में प्रतिदिन दो से तीन मरीज ऐसे पहुंचते हैं, जिनको गले में या मुंह का कैंसर होने की संभावना रहती हैं।
ऐसे में मरीजों की बायोप्सी कराई जाती है। बायोप्सी रिपोर्ट आने में वक्त लगता है और डॉक्टर रिपोर्ट आने के बाद ही इलाज शुरू करते हैं। लेकिन अब आवाज के ही माध्यम से ही जांच हो जाएगी। इसमे मरीज को कोई तकलीफ भी नहीं होगी।
डॉ. काला ने बताया कि देश में पहली बार यह रिसर्च आईसीएमआर से अप्रूव हुई हैं। आवाज को पूरी तरह डायग्नोस करने के बाद सिस्टम कैंसर और नॉन कैंसर को पूरी तरह स्पष्ट करेगा।
एआई एनेबल सिस्टम आवाज की फ्रेक्वेंसी की जांच करेगा और फ्रेक्वेंसी को स्पेट्रम में तोड़कर सभी स्पेट्रम की जांच होगी। कैंसर की जानकारी मिलने पर मरीज का त्वरित इलाज शुरू किया जाएगा। संबंधित मरीज को कैंसर की संभावना आगे चलकर हो सकती है, यह भी इस सिस्टम के माध्यम से पता चलेगा।
विशेषज्ञों की माने तो गले या मुंह में कैंसर होने पर गले में मौजूद वोकल कार्ड की स्थिति गड़बड़ाने लगती है, जिसकी वजह से मरीज की आवाज में धीरे-धीरे बदलाव आने लगता है।
इस जाँच के लिए आवाज जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से जयपुर मणिपाल यूनिवसिर्टी भेजी जाएगी, वहां पर स्थित आर्टिशियल इंटेलिजेंश विभाग के प्रो. अभिषेक केसवानी वाइस की गहनता से जांच करेंगे और कैंसर और नॉन कैंसर की जानकारी देंगे। वहीं थायराइड, लकवा, हेड इंजरी, गर्दन की इंजरी व रीढ़ की हड्डी में होने वाली समस्या की भी जानकारी इसके माध्यम से पता चल सकेगी।