
आ स. संवाददाता
कानपुर। अब गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के गायनी विभाग में गर्भवती महिलाओं का नॉन स्ट्रेस टेस्ट ओपीडी में ही किया जा रहा है। पहले इस टेस्ट के लिए महिलाओं को पहले ओपीडी में दिखाने के बाद लेबर रूम में जाकर घंटों लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ता था। इस कारण गर्भवती महिलाओं को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। ये टेस्ट लेबर रूम वन व टू में होता है। वहां पर उन महिलाओं को प्राथमिकता पहले दी जाती थी जो लेबर रूम में भर्ती होती थी। इस कारण ओपीडी से जाने वाली महिलाओं को घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था। ऐसे में बहुत सी महिलाएं वापस घर लौट जाती थी।
महिलाओं की इन समस्याओं को देखते हुए इस टेस्ट को ओपीडी में ही कराना शुरू कर दिया गया है । इससे महिलाओं को लंबी लाइन में लगने से छुटकारा मिल गया है।
गायनी विभागाध्यक्ष ने बताया कि ये टेस्ट 8 माह की गर्भवती महिलाओं में किया जाता है। इससे गर्भ में बच्चे को यदि कोई कमी या किसी प्रकार की जटिलता है, तो उसका समय रहते इलाज करके नियंत्रण कर लेते है।
इस टेस्ट की जो भी रिपोर्ट होती है, वो मरीज के मोबाइल पर ही आ जाती है। इसको किसी कागज में प्रिंट करने की जरूरत नहीं होती है।
इस जांच में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की पहचान, बच्चे के गले में फंदा, पेट में मल त्याग, बच्चे के हृदय से संबंधित किसी प्रकार की दिक्कत, बच्चे के ब्रेन से संबंधित किसी प्रकार की दिक्कत, बच्चे में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंच रही है या नहीं, बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिल रहा या नहीं यह सभी जांचे बहुत आसान और शीघ्र प्राप्त हो जाती है।