June 16, 2025

संवाददाता
कानपुर।
जीटी रोड पर गुटैया क्रासिंग के पास स्थित राजकीय जेके कैंसर संस्थान में एक मरीज ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मरीज अपनी कैंसर की बीमारी से काफी परेशान था। वह कीमो चढ़वाने के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ था।
सुबह बेड पर मरीज के न दिखने पर उसकी मां ने इधर-उधर तलाशना शुरू किया तो पता चला कि बगल वाले खाली वार्ड में अधेड़ का शव पंखे के कुंडे से लटक रहा है। घटना की जानकारी अस्पताल में फैलते ही लोगों में सनसनी फैल गई।
कानपुर देहात के सिकंदरा निवासी राकेश कुमार किसानी करते थे। परिवार में पत्नी किरन देवी, बेटा अंश कुमार, बेटी गौरी और मां माहादेवी रहती हैं। मृतक के बेटे अंश ने बताया कि पिछले दो सालों से पिता का इलाज जेके कैंसर हॉस्पिटल में चल रहा था। उनको मुंह का कैंसर था। डॉ. अर्चना सिंह की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। उन्हें समय समय पर कीमो चढ़वाने के लिए अस्पताल में आना पड़ता था।
अंश ने बताया कि पिता बीमारी को लेकर काफी परेशान रहने लगे थे। 15 मई को दादी महादेवी के साथ कीमो चढ़वाने के लिए आए थे, तब से यहां पर भर्ती थी। रात में पिता जी के साथ दादी ही अस्पताल में रुकती थी।
रात में पिता जी ने बगल वाले खाली वार्ड में जाकर दादी की साड़ी का फंदा बनाया और फांसी लगा ली।
वह जब सुबह बेड पर नहीं दिखे तो उन्हें खोजना शुरू किया गया।

सुबह जब राकेश अपने बेड पर नहीं दिखे तो मां महादेवी ने सोचा की बेटा कही बाहर गया होगा। काफी देर तक जब वह नहीँ आए नहीं तो मां ने इधर-उधर तलाशना शुरू किया। वार्ड में मौजूद डॉक्टरों और नर्सों से भी पूछा मगर उनका कुछ पता नहीं चला।
इसके बाद बगल में पड़े खाली वार्ड में जब मां पहुंची तो देखा कि बेटे का शव पंखे के कुंडे के सहारे लटक रहा हैं। मां के चिल्लाने की आवाज सुनकर पूरा स्टाफ इकट्‌ठा हो गया।
हॉस्पिटल के स्टाफ ने घटना की जानकारी स्वरूप नगर पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद शव को फंदे से नीचे उतारा और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
बेटे अंश ने बताया कि कैंसर के इलाज में पैसा बहुत लग रहा था। इस बात से पिता काफी परेशान रहते थे। आमदनी इतनी थी नहीं। पिछले दो साल से इलाज में करीब ढाई लाख रुपए खर्च हो चुके हैं।