January 18, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। मेयर प्रमिला पांडेय का मुस्लिम क्षेत्रों में बंद मंदिरों को खोलने का अभियान जारी है। सोमवार को भारी पुलिस फोर्स के साथ मेयर बेकनगंज पहुंची और वहां दशकों से बंद पड़े 3 मंदिरों को खुलवाया। मंदिर बेहद जीर्ण-क्षीर्ण हालत में मिले। मंदिर में भगवान हनुमान की खंडित मूर्ति भी मिली।

मेयर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मंदिरों की स्थिति बेहद दयनीय है। मंदिरों में मूर्तियां मिल रहीं हैं, लेकिन खंडित हैं। शिवलिंग तक गायब हैं। मंदिरों की साफ-सफाई करा इनको सुरक्षित किया जाएगा। 
दादा मियां चौराहा से 100 मीटर की दूरी पर संकरे रास्ते से होते हुए हीरामनपुरवा में एक मंदिर पर कब्जे का पूरा प्रयास किया जा रहा था। यहां मंदिर के आगे शटर लगा दिया गया था। मेयर ने शटर उठाया तो अंदर मंदिर मिला। यहां मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब था, लेकिन अवशेष पूरी तरह सुरक्षित था। मंदिर के चारों तरफ बड़े पैमाने पर बिल्डिंगों का निर्माण कर दिया गया।
हीरामनपुरवा में ही एक दूसरा बंद मंदिर मिला। यहां कुछ दिन पहले हिंदू संगठनों ने पूजा की थी। इसके बाद से यहां पुलिस पिकेट तैनात है। जब मेयर अंदर घुसी तो यहां भी मूर्तियां खंडित मिली। बाहर की तरफ हनुमान जी की खंडित मूर्ति मिली।
इसके बाद मेयर दादा मियां चौराहा के पास पहुंचीं। यहां भी मंदिर के चारों तरफ बड़ी मात्रा में अवैध कब्जे मिले। मंदिर का ढांचा मिला, लेकिन मूर्तियां नहीं मिली। मूर्तियों के निशान सुरक्षित मिले। मेयर ने अवैध निर्माणों को लेकर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
उलमा अहले सुन्नत मशावर्ती बोर्ड में लिए गए फैसले के तहत एक ज्ञापन पुलिस कमिश्नर को सौंपा। अपील की गई है कि बंद मंदिरों के पास हिंदू आबादी नहीं है, ऐसे में दूसरे एरिया से मूर्ति की पूजा करने के लिए लोग आएंगे, तो हो सकता है कि कोई पत्थर फेंक दे, इससे शहर का माहौल बिगड़ सकता है।
ज्ञापन में लिखा गया कि मेयर साहिबा की नियत पर कोई सवाल नहीं है। वो सभी धर्मों की मेयर हैं। 1991 एक्ट में ये बात क्लीयर है कि जो पहले की यथास्थिति है, वो कायम रहे। बाबरी मस्जिद फैसले में भी ये कहा गया कि जो पहले की स्थितियां है, उनको बरकरार रखा जाए।
कानपुर शहर गणेश शंकर विद्यार्थी और मौलाना हसरत मोहानी की धरती है। उसी तरह से हमको यहां रहना चाहिए। 
मेयर प्रमिला पांडेय ने कहा- मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जो ज्ञापन दिया है, मुझे उससे कोई लेना-देना नहीं है। मैं जो भी काम करती हूं सोच-समझ कर करती हूं। पूजा अधिनियम के तहत आजादी से पहले के जो मंदिर हैं, वो उन्हीं स्थिति में बने रहेंगे। मैं कानूनी कार्रवाई करूंगी। नगर निगम में मौजूद पंचशाला से मैंने 125 मंदिर जो दर्ज है, उसको निकलवाया है। कोई भी ये एक्ट नहीं कहता कि किसी के धर्म के साथ खिलवाड़ हो। लेकिन कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं सौहार्द बिगाड़ना चाहती हूं, उनसे मैं कहना चाहती हूं कि मेरे किसी भगवान का हाथ काट दिया गया, किसी का गला काट दिया गया । शिव का अर्घा तक हटा दिया गया। ये किस कानून के अंतर्गत है। अब जिन लोगों ने मेरे मंदिरों को तोड़ा है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगी और जेल भी भिजवाऊंगी। हाल ही में लुधौरा में जो मंदिर खुलवाया, उसमें मूर्तियों को किस तरह से खंडित किया गया है, ये सभी ने देखा है।हमारे मंदिरों की मूर्ति तोड़ने का काम किसने किया। हमारी मूर्ति बनी रहती, वो भी बने रहते, मूर्ति तोड़ने का काम किसने किया। शिवाला में 7 मुस्लिम रहते हैं। मैं अब मुकदमा कायम कराऊंगी। मैंने जो मंदिर ढूढ़ा है, वहां कभी अष्टधातु की मूर्तियां थी, उनकी करोड़ों में कीमत थी।
मैं तो बस इतना चाहती हूं कि 125 मंदिर ढूंढकर उनकी साफ-सफाई कराकर चाबी प्रशासन को सौंप दूंगी। जो मंदिरों के ट्रस्टी हैं, वो तो किसी पुलिस-प्रशासन के पास शिकायत करने नहीं पहुंचे। मैं उनसे बात करूंगी।
महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा-मुझे जिस दिन वो मंदिर मिल जाएगा, जिस दिन सभी मंदिर में मूर्तियां खंडित न हो, उसी दिन उस मंदिर में पूजा शुरू करा दूंगी। ये किस एक्ट में लिखा है, मंदिर की जमीन पर चमड़े की फैक्ट्री लगा दी जाए। अब मैं कानूनी सहारे के साथ काम करूंगी। अच्छा है वो पुलिस के पास गए, मेरा लेटर मंडलायुक्त और पुलिस कमिश्नर के यहां भी जा रहा है।
जो सौहार्द बिगाड़ने की बात कह रहे हैं। हम हिंदू-मुस्लिम कैंची की दोधार हैं। एक धार गड़बड़ाएगी तो वो ठीक नहीं है। मंदिर हर हाल में ढूंढकर रहूंगी, जिसको जो करते बने वो कर ले।