
संवाददाता
कानपुर। चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर में नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए आयोजित दीक्षारंभ–सह–ओरिएंटेशन कार्यक्रम अपने चौथे दिवस में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया।
यह कार्यक्रम डॉ. सी. एल. मौर्य, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय के नेतृत्व में आयोजित किया गया है। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों, नेतृत्व क्षमता एवं व्यावसायिक उत्तरदायित्व के विकास हेतु ज्ञानवर्धक एवं अनुभव आधारित सत्र आयोजित किए गए।
कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण डॉ. उमानाथ शुक्ला , प्रोफेसर सस्य विज्ञान का प्रेरणादायी व्याख्यान रहा, जिसमें उन्होंने नैतिक नेतृत्व एवं उत्तरदायित्व विषय पर विचारोत्तेजक उद्बोधन दिया।
डॉ. शुक्ला ने शैक्षणिक एवं व्यावसायिक जीवन में ईमानदारी, पारदर्शिता एवं नैतिक दायित्व के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को निर्णय-निर्माण एवं नेतृत्व में नैतिक सिद्धांतों को मार्गदर्शक के रूप में अपनाने हेतु प्रेरित किया तथा कहा कि सच्चा नेतृत्व उत्तरदायित्व, सत्यनिष्ठा और समाज सेवा पर आधारित होता है।
एक अन्य महत्वपूर्ण सत्र में डॉ. नंद किशोर, पूर्व संयुक्त निदेशक, कृषि ने विद्यार्थियों के साथ अपने समृद्ध व्यावसायिक अनुभव साझा किए। अपने दीर्घ एवं विशिष्ट सेवाकाल के अनुभवों के आधार पर उन्होंने कृषि क्षेत्र में विद्यमान वास्तविक चुनौतियों एवं अवसरों पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उनके संवाद से विद्यार्थियों को अनुशासित, प्रतिबद्ध एवं भारतीय कृषि के विकास में सार्थक योगदान देने की प्रेरणा मिली।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में डॉ. सी. एल. मौर्या ने दीक्षारंभ कार्यक्रम के उद्देश्यों को दोहराते हुए कहा कि इस प्रकार के ओरिएंटेशन सत्र विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण, नैतिक मूल्यों के संवर्धन तथा भविष्य की व्यावसायिक भूमिकाओं के लिए उन्हें तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सभी वक्ताओं के बहुमूल्य योगदान की सराहना की तथा विद्यार्थियों से कार्यक्रम के दौरान प्राप्त शिक्षाओं को आत्मसात करने का आह्वान किया दीक्षारंभ–सह–ओरिएंटेशन कार्यक्रम का चौथा दिवस विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता एवं उत्साहपूर्ण संवाद के साथ संपन्न हुआ, जो समग्र शिक्षा एवं मूल्य आधारित शिक्षण के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।






