
आ स. संवाददाता
कानपुर। नगर के कांशीराम संयुक्त जिला चिकित्सालय एवं ट्रॉमा सेंटर ने 51 टीबी मरीजों को गोद लेकर उनके सम्पूर्ण इलाज का जिम्मा लिया।
चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कानपुर मंडल की अपर निदेशक डॉ. संजू अग्रवाल के निर्देशन में चिकित्सालय परिसर मे चिकित्सकों, स्टाफ और स्वास्थ्य अधिकारियों ने टीबी के उपचाराधीन मरीजों को गोद लिया।
अपर निदेशक ने बताया कि गोद लिए गए मरीजो को इलाज चलने तक प्रति माह अस्पताल की तरफ से पोषण संबंधी पोटली दी जाएगी। इसके साथ लगातार मरीजों का फॉलोअप लिया जाएगा, ताकि उसकी दवा नियमित तौर पर चलती रहे।
टीबी का इलाज पूरी तरह से संभव है, लेकिन इसके लिए नियमित दवा का सेवन और देखभाल भी बेहद जरूरी है। सभी शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों और चिकित्सालयों में टीबी जांच की सुविधा उपलब्ध है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि देश को वर्ष 2025 तक क्षय मुक्त बनाने को लेकर प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने के लिए जनपद में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। गोद लिए गए क्षयरोगियों को डॉट्स के माध्यम से दी जाने वाली औषधियों को बिना दवा बंद किए सम्पूर्ण उपचार अवधि में खाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
टीबी के उपचाराधीन गोद लिए गए सभी मरीज कमजोर आय वर्ग के हैं, और ज्यादातर छोटे किसान या मजदूर परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने बताया कि गोद लिए सभी मरीजों के लिए संकल्प लिया गया है कि वह ठीक होने तक गोद लिए गए मरीजों का फॉलोअप करेंगे।
टीबी के इलाज में पोषण की महत्ता को देखते हुए ही निक्षय मित्र योजना चलाई जा रही है। पोषण से भरपूर खानपान से मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं।
सरकार ने एक नवम्बर से पोषण के लिए प्रति माह 500 की दर से मिलने वाली धनराशि को बढ़ाकर 1000 रुपए कर दिया है।