May 24, 2025

जिसने पाया राम धन, जग से उसे न काम|

वचन कर्म मन से सदा, जपे राम का नाम||

सदा साथ साहस रहे, रहते मन में राम|

प्रभु उनकी विपदा हरे, पूरे होते काम||

जिसके वश में इंद्रियाँ, नर वो बने महान|

मनुज श्रेष्ठ वो राम सा, जग में पाता मान||

राम भक्ति दीपक करे, सकल जग में प्रकाश|

निर्मल मन शुभ चेतना, रखता प्रभु विश्वास||

राजा जग के राम हैं, उत्तम मानव जान |

मर्यादा में कर्म हैं, पुरुषोत्तम जग मान||

नगर अयोध्या है सजा, सरयू सरिता तीर|

चैत्र शुक्ल नवमी दिवस, जन्म लिए रघुवीर| 

 —संजीव कुमार भटनागर