December 7, 2025

संवाददाता
कानपुर।
मैं पिछले 43 साल से कानपुर में रह रही हूं और मेरा भारतीय पासपोर्ट अभी तक नहीं बना है। मैंने 2023 में अपना चीनी पासपोर्ट सरेंडर कर दिया। लेकिन अब अधिकारियों के चक्कर लगाकर परेशान हूं।
ये कहना है चीनी मूल की महिला कान कू का जो मंगलवार को कानपुर जिलाधिकारी के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचीं।
उन्होंने बताया कि मेरे पिता चीन से थे, लेकिन मैं बचपन से भारत में हूं। पिता मूल रूप से चीन के नागरिक थे, जो कोलकाता आ गए थे। यहां उन्होंने कारोबार शुरू किया और फिर आसाम की एक महिला से शादी की। शादी के बाद उनके पिता के पास चाइनीज पासपोर्ट था, और प्रशासनिक प्रक्रिया के कारण उनकी मां ने भी वही पासपोर्ट बनवा लिया।
कान कू ने बताया कि कानपुर में ही परेड क्षेत्र में रहती हूं।  जब मैं 16 साल की थी तो कोलकाता प्रशासन ने एक नियम के तहत आदेश जारी किया कि जिनके माता-पिता चाइना से हैं, उनके बच्चों को भी चीनी पासपोर्ट बनवाना होगा। उस समय हमने चाइनीज पासपोर्ट बनवा लिया।
साल 1982 में कान कू की शादी कानपुर में हुई। तब से वह यहीं रह रही हैं। उनको अब अपना पासपोर्ट रिनीवल कराना है। अब उन्हें पता चला कि उनके पास विदेशी पासपोर्ट होने के कारण उन्हें भारतीय नागरिक नहीं माना जाएगा।
इससे वह परेशान हो गईं क्योंकि उन्होंने कभी चीन की यात्रा भी नहीं की थी। उन्होंने बताया कि मैं भारत में पैदा हुई, यहीं पली-बढ़ी और कभी चीन गई भी नहीं। फिर मुझे विदेशी कैसे माना जा सकता है? मैं भारतीय हूं और मुझे भारतीय नागरिकता का हक है।
कान कू ने बताया कि जब मैं अधिकारियों के पास पहुंची तो उन्होंने कहा कि आपको पहले चीन का पासपोर्ट सरेंडर करना होगा। इसके बाद 2023 में मैंने अपना चीनी पासपोर्ट सरेंडर कर दिया। इसके बाद से वह लगातार भारतीय पासपोर्ट के लिए आवेदन कर रही हैं। लेकिन पहले के पासपोर्ट रिकॉर्ड के कारण उनका आवेदन हर बार अटक जाता है।
कई बार उन्होंने दस्तावेजों के साथ स्थानीय अधिकारियों से भी संपर्क किया, पर मामला आगे नहीं बढ़ पाया।
महिला की फरियाद अब आखिरकार जिला प्रशासन तक पहुंच गई है। कान कू ने अपने सभी प्रमाणपत्र और दस्तावेज जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह को सौंपे हैं। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीएम सिटी को पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि कान कू के मामले की जांच निष्पक्ष रूप से की जाएगी और यदि कानूनी रूप से संभव हुआ तो उनका भारतीय पासपोर्ट जारी किया जाएगा।
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के मामलों में व्यक्ति को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए सिटीजनशिप एक्ट 1955 की धारा 5(1)(सी) के तहत आवेदन देना होता है, जिसमें भारतीय मूल के व्यक्ति के रूप में नागरिकता का प्रावधान है।
हालांकि, कान कू के पास पहले विदेशी पासपोर्ट रहा है, इसलिए इस मामले की जांच गृह मंत्रालय स्तर तक भी जा सकती है।