February 7, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर।  छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय और आईआईटी कानपुर द्वारा एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के तत्वाधान में सतत शहरी विकास के लिए नवाचारी एआई समाधान विषय पर दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन सत्र आईआईटी कानपुर में आयोजित हुआ। 

इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, आईआईटी के डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल,आईआईटी के कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी के डीन सच्चिदानंद त्रिपाठी ने दीप प्रज्वलित करके किया। 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि सतीश महाना ने कहा कि हमें वैश्विक स्तर पर सोचना चाहिए, परंतु स्थानीय स्तर पर क्रियान्वित करना चाहिए, उन्होंने बताया कि हम आज के समय में जरूरत से ज्यादा इच्छापूर्ति की तरफ जा रहे हैं एवं त्वरित उपाय हमारे लिए बड़ी समस्याएं उत्पन्न करते हैं, समाधानों को कार्यान्वयन में लाने के लिए हमें उनसे बात करनी चाहिए जिन्हे इनको उपयोग में लाना है। आगे उन्होंने बताया कि आज के समय में जनसंख्या का दबाव शहरों पर बढ़ता जा रहा जिसके के लिए हमें तकनीकी का सहारा लेना होगा और एआई एक प्रभावी माध्यम है। 

एआईयू के अध्यक्ष और छत्रपति शाहूजी महाराज के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि सीएसजेएमयू पहले से ही सस्टेनेबिलिटी पर काम कर रहा है। विश्वविद्यालय सोलर ऊर्जा के माध्यम से बिजली और पानी की बचत कर रहा है। आगे उन्होंने कहा कि आज की युवा जनरेशन के पास नवाचार के कई आइडिया है। आज के युवा नए विचारों के साथ योगदान करने और प्रभावशाली स्टार्टअप करने के लिए उत्साहित हैं। आगे उन्होंने बताया कि स्टार्टअप्स को मास प्रोडक्शन पर ध्यान न देकर अपने उपभोक्ताओं पर ध्यान देना चाहिए और उपभोक्ताओं की जरूरतों और अपेक्षाओं को समझना जरूरी हैं।

आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मनींद्र अग्रवाल ने शोध और सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा स्थिरता में एआई की पूरी क्षमता को तभी साकार किया जा सकता है जब अकादमिक जगत, सरकार और उद्योग एक साथ मिलकर काम करें। आईआईटी कानपुर अत्याधुनिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो शहरी चुनौतियों का समाधान करने में सीधे योगदान देगा। 

नेशनल कॉन्फ्रेंस में  स्टार्टअप की प्रदर्शनी का आयोजन हुआ और जिसमें स्टार्टअप अपने प्रोडक्ट और सर्विसेज की जानकारी दी। स्टार्टअप के लिए पिचिंग सेशन का भी आयोजन हुआ ।

वक्ताओं ने बहुमूल्य जानकारी दी। नीति आयोग, भारत सरकार की कार्यक्रम निदेशक अन्ना रॉय ने शासन, उद्यमिता और डिजिटल शासन में एआई को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे एआई-संचालित स्मार्ट सिटी विकास समावेशी हो सकता है और महिलाओं के नेतृत्व वाला नवाचार शहरी स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अंत में ईएचएम के संस्थापक डॉ० हर्षित मिश्रा द्वारा समापन टिप्पणी दी गई व कार्यक्रम के प्रथम दिवस के सार व दूसरे दिवस के कुछ प्रमुख आकर्षण के बारे में बताया गया व इसी के साथ राष्ट्रीय सम्मलेन के प्रथम दिवस का समापन हुआ।