
संवाददाता
कानपुर। आईआईटी कानपुर की महिला संघ ने फैकल्टी क्लब के सहयोग से सांस्कृतिक संध्या 2025 की मेजबानी की, जिसमें प्रतिभा, रचनात्मकता और सामुदायिक भावना का जीवंत उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पहलगाम हमले में शहीद हुए भारतीय नागरिकों की याद में दो मिनट का मौन रखकर की गई, जिससे राष्ट्रीय शोक के समय में समुदाय की एकजुटता और सहानुभूति को रेखांकित किया गया।
श्रद्धांजलि के बाद, सम्मानित अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन आईआईटी कानपुर के उप निदेशक प्रो. ब्रज भूषण और महिला संघ की संरक्षक रचना अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया, जो ज्ञान और सामूहिक भावना का प्रतीक था। उद्घाटन का मुख्य आकर्षण गीता शर्मा और शिरोली आनंद लिखित स्मृतियों के संग्रह यादें का विमोचन था। इसके बाद बांसुरी वादक पंडित उमाकांत पाठक को सम्मानित किया गया, उन्होंने सरस्वती वंदना की भावपूर्ण प्रस्तुति से मंच की शोभा बढ़ाई।
यह कार्यक्रम अपनी मनोरम प्रस्तुतियों के क्रम के साथ आगे बढ़ा, जिसमें शास्त्रीय और समकालीन नृत्य से लेकर मधुर गायन, स्किट और नाटक शामिल रहा। पहला प्रदर्शन रवि ग्रुप द्वारा दिया गया, जो एक आनंददायक नृत्य रूटीन था, जो ऊर्जावान गीतों तेरी उंगली पकड़ के चला और मेरी माँ प्यारी माँ मम्मा पर आधारित था। बच्चों की अपनी माताओं के प्रति यह एक हृदयस्पर्शी श्रद्धांजलि थी।
इसके बाद कई मनोरम प्रस्तुतियां हुईं, जिनमें ज़ीशान ग्रुप ने कथक, अनामिका और पूर्वा ग्रुप ने नाटक, अखिला ग्रुप द्वारा शिवार्पणम्, और एक लाइट म्यूजिक प्रदर्शन शामिल था। अमृता भूषण, अरुशा और ज़ीशान के ग्रुप ने एक साथ नृत्य प्रदर्शन प्रस्तुत किया। वहीं प्रो. जावेद मलिक ने पुराने गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जबकि अखिला ग्रुप ने रामायण पर एक और मनोरम नृत्य-नाटक प्रस्तुत किया। इसके अलावा रुची सिंह के मधुर गीत ने शाम के आकर्षण को बढ़ाया, और अमृता भूषण ग्रुप का नृत्य प्रदर्शन भी प्रभावशाली था।
इस सांस्कृतिक संध्या में शोले फिल्म के आधार पर एक हास्य स्किट गब्बर का जिम पेश की गई, जिसने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। कार्यक्रम का समापन असम के बिहू, उत्तर प्रदेश की कजरी, पंजाब के गिद्दा और राजस्थान के कालबेलिया के मनोरम लोक नृत्यों के साथ हुआ, जिन्हें रवि और नीलिमा ने कोरियोग्राफ किया था।
सांस्कृतिक संध्या 2025 न केवल कलात्मक अभिव्यक्ति का उत्सव था, बल्कि एकता और परंपरा में निहित शक्ति का एक हार्दिक अनुस्मारक भी था, जिसने दर्शकों को समृद्ध मनोरंजन और प्रेरणा प्रदान की।
आईआईटी कानपुर महिला संघ एक अनौपचारिक संगठन है, जो परिसर की सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व करता है। इसका उद्देश्य आईआईटी कानपुर परिसर में महिलाओं को दूसरों के साथ बातचीत करने और अपनी पेशेवर कौशलों को विकसित करने का अवसर प्रदान करना है। यह परिसर समुदाय को एक सामाजिक मंच प्रदान करता है और उन मुद्दों को प्रभावित करता है, जहां महिलाएं बदलाव ला सकती हैं।