
आ स. संवाददाता
कानपुर। किसी भी बर्फबारी वाली जगह पर अब जवान आसानी से सीमा पर मुस्तैद रह सकेंगे। उनको ठड़ से बचाने के लिए आईआईटी कानपुर ने एक वार्मर शू तैयार किया हैं। ये एक विशेष प्रकार का बूट है जिसे पहनने के बाद जवानों के पैर बर्फ के अंदर भी गर्म बने रहेंगे।
आईआईटी कानपुर के मैडटेक लैब के प्रो. जे राम कुमार और उनकी टेक्निकल टीम ने इस शू को तैयार किया है। इसे बनाने में लगभग डेढ़ साल का समय लगा। इस बूट को जवान -20 डिग्री तापमान में भी पहनकर खड़ा हो जाएगा तो उसके पैर का ब्लड सर्कुलेशन कम नहीं होगा, क्योंकि ये बूट अंदर से गर्मी देता रहेगा। साथ ही ये बूट पूरी तरह से वाटर प्रूफ है।
इस बूट में नाइक्रॉम वायर लगाए गए है। उसके माध्यम से ही बूट नीचे से हीट करता है। अभी तक जो बूट होते थे वह बर्फ में ज्यादा गर्माहट नहीं दे पाते थे। ऐसे में कभी-कभी पैरों का ब्लड सर्कुलेशन भी कम हो जाता था और पैर की नशे काम करना बंद कर देती थी। इस बूट में जब लगातार हीट मिलती रहेगी तो फिर पैर का ब्लड सर्कुलेशन भी बना रहेगा।
बूट में लगे इस नाइक्रॉम वायर को छोटी सी बैट्री से जोड़ा गया है। इस बूट में लगने वाली बैट्री काफी छोटी है। इस बूट को पहनने के बाद वायर को बैट्री से जोड़ लेंगे और बैट्री को अपनी किसी भी जेब में डालकर रख लें। ये बैट्री बिना रूके 4 घंटे तक काम करती रहेगी। इसमें 12 वोल्ट की बैट्री का प्रयोग किया गया है। इस बैट्री को चार्ज कर सकते हैं। इसका खासियत ये है कि आप आपने हिसाब से इसके तापमान को कम या ज्यादा भी कर सकते हैं।
इस बूट को तैयार करने में सभी स्वदेशी पदार्थो का उपयोग किया गया हैं।
इसमें डीसी आपरेटर सर्विस का प्रयोग किया गया है। इसमें किसी प्रकार के करंट लगने का कोई खतरी नहीं होता हैं। ये छोटी सी डिवाइस बूट के बाहर की तरफ अटैच कर दी जाती हैं, जब पैरों में हीट लगेगी तो पूरे शरीर का तापमान नियंत्रित रहेगा।