February 5, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ से पहले निर्मल गंगा शासन के लिए गंभीर चुनौती बन गई है। इस महा कुंभ से पहले गंगा को साफ करना बड़ी चुनौती बन गया है। 

शहर के निकलने वाले सीवेज को एसटीपी तक पहुंचाने वाले 112 में से 39 पंप खराब पड़े हैं।
इसी तरह मेट्रो की ओर से बड़े चौराहे पर सीवर लाइन का डायवर्जन किए जाने की वजह से सीसामऊ नाले से होकर अशोधित गन्दा पानी गंगा नदी में सीधा प्रवाहित हो रहा है। साथ ही जाजमऊ की टेनरियां भी नई कन्वेंशन लाइन से जुड़ी नहीं हैं। यह सभी कारण गंगा की सेहत पर असर डाल रहे है।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन करने वाली केआरएमपीएल की लापरवाही अधिकारियों के लिये आफत बनी हुई है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों और सीवेज पंपिंग स्टेशनों के जरिये गंगा में पानी जाने की वजह से गंगा का पानी अब नहाने योग्य भी नहीं बचा है।
डीएम राकेश कुमार की ओर से की गई समीक्षा में सबसे बड़ी समस्या के रूप में केआरएमपीएल के बंद पड़े 39 पम्प  हैं।  

केआरएमपीएल के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि तत्काल अक्रियाशील पड़े हुए पंपों को ठीक कराते हुए क्रियाशील किया जाये।

पिछले दिनों जिलाधिकारी की समीक्षा बैठक में पाया गया कि मेट्रो ने तीन स्थानों पर सीवर लाइन का डायवर्जन किया। बड़े चौराहे पर सीवर लाइन का डायवर्जन किए जाने के कारण सीसामऊ नाले से होकर अशोधित पानी गंगा नदी में सीधा प्रवाहित हो रहा है। जो महाकुंभ की दृष्टिगत उचित नहीं है।
इस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा महाप्रबंधक जलकल के साथ ही अधिशासी अभियंता जल निगम और अधिशासी अभियंता, उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन को संयुक्त रूप से निरीक्षण करके डायवर्जन किए गए पाइप लाइन, मेनहोल की सफाई कराते हुए पाइप लाइन को पूर्व की भांति ही फिर से चालू करने के निर्देश दिये गये हैं।