February 7, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर।  छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के स्कूल आफ हेल्थ साइंसेस के अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य केन्द्र राजकीय बाल गृह कानपुर और आरोग्य क्लीनिक में निःशुल्क स्वर्ण प्राशन कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें लगभग सत्तर बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले सभी बच्चों का निःशुल्क रूप से स्वर्णप्राशन कराया गया। अभिभावकों को हेमंत ऋतु के अनुसार आहार-विहार और रोगों से बचाव पर विशेष रूप से परामर्श दिया गया। इस समय ठंड के कारण शरीर की गर्मी शरीर से बाहर नहीं निकलती जिसके परिणामस्वरूप शरीर के अग्नि प्रखर हो जाती है, अतः इस मौसम में भारी आहार जैसे-घी, तेल से बने खाद्य पदार्थ, गुड़ और मौसम के अनुसार फल और सब्जियाँ पर्याप्त मात्रा में सेवन करना चाहिये। 

स्वर्णप्राशन संस्कार के बारे में बताया गया कि आयुर्वेद की यह विधा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर है। इस संस्कार की महत्ता बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रचलित 16 संस्कारों में से एक संस्कार है। यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक विकास में विशेष योगदान करता है। जिन बच्चों में यह संस्कार नियमित रूप से होता है, उनमें मौसम और वातावरण के  प्रभाव के कारण होने वाली समस्याएं अन्य बच्चों की अपेक्षा कम देखी गयी हैं। 

स्वर्णप्राशन औषधियो स्वर्ण भस्म, वच, गिलोय, ब्राह्मी, गौघृत, मधु आदि द्रव्यों के सम्मिश्रण से बनाया जाता है। उन्होंने कहा बच्चों को नियंत्रित करने के लिए डांटना, पीटना आदि भी उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। अतः बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए। उन्होंने बच्चों को मौसम के अनुसार फल और सब्जियों के सेवन के साथ स्वच्छता, स्नेहपूर्ण लालन पालन पर विशेष बल दिया।