January 21, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
 एक महिला ने सीसामऊ थाना इंचार्ज समेत अन्य लोगों पर गम्भीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का कहना था अवैध वसूली के चक्कर में पुलिस ने उनके बेटे को जबरन जेल भेजा, दुकान में तोड़फोड़ की। पीड़िता ने इस मामले में सभी वरिष्ठ अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मामले में जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
जरीब चौकी निवासी अनीता सिंह के मुताबिक पति अरुण प्रताप सिंह का देहांत 6 अगस्त 2024 को हो गया था। अनीता के मुताबिक पति की चालिस साल पुरानी दुकान जरीब चौकी क्रासिंग के पास है। कुछ समय से अनीता उसे अपने बेटे के साथ चला रही है।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि थानेदार, दरोगा, दो सिपाही व चार मुखबिरों ने उनकी दुकान हड़पने का प्रयास किया और उन्हें व परिवार के लोगों को गंदी गालियां दी। साथ ही कहा कि दुकान खोलनी है तो हर पंद्रह दिनों में चार हजार रुपए देने होंगे। पीड़िता ने रुपए देने में असमर्थता जताई। आरोप है कि थानेदार ने इस पर गाली देते हुए कहा कि थाने आना तू फिर देखता हूं।
अनीता के मुताबिक 26 दिसम्बर 2024 को थानेदार समेत सभी आरोपी उनकी दुकान पर आए। थानेदार ने गाली दी और कहा कि पैसे नहीं दिए अब तू दुकान हटा दे यहां से। इसके बाद थानेदार ने सिपाहियों को अनीता को पकड़ने के आदेश दे दिए। वो डरकर भागी और दूर जाकर खड़ी हो गई।
अनीता के मुताबिक पुलिस वालों ने उनके बेटे हिमांशु को पकड़ लिया और घसीटकर थाने ले जाने लगे। इसके अलावा दुकान की गुल्लक से 5500 रुपए भी निकाल लिए।  अनीता के मुताबिक उनका बारह साल का भतीजा हर्ष भी उनके साथ था। जो ये सब देखकर डर गया और रोने व चिल्लाने लगा। आरोपी पुलिस कर्मियों को उसपर भी दया नहीं आई। पुलिस वालों व अन्य आरोपियों ने भतीजे के कपड़े फाड़ दिए। उसको बुरी तरह से मारा पीटा और उठा कर वही फेंक दिया। हर्ष बेहोश होकर गिर गया। पुलिस कर्मियों ने बेटे दीपक को थाने में बंद कर दिया। अनीता के मुताबिक बेटे दीपक को छुड़वाने गई तो थानेदार समेत अन्य आरोपियों ने हाथ पकड़ा और मेरा मोबाइल छिन लिया और जो वीडियो बनाए थे वो डिलीट कर दिए।
अनीता के मुताबिक पुलिस कर्मियों ने गंदी गालियां देते हुए कहा कि पैसे नहीं दिए तो बेटे को स्मैक चरस लगाकर जेल भेजेंगे या फिर एनकाउंटर कर देंगे। वो डर गई और किसी तरह से दस हजार का इंतजाम किया और थाने आकर पुलिस कर्मियों को दे दिया। इसके बाद भी थानेदार ने बेटे का चालान कर उसे जेल भेज दिया।