January 13, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
लखनऊ के रहमानखेड़ा के जंगलों में पिछले एक महीने से घूम रहे बाघ को पकड़ने के लिए कानपुर के चिड़ियाघर से टीम भेजी गई है। इस बाघ को पकड़ने के लिए कानपुर के जू एक्सपर्ट ने जाल बिछाना शुरू कर दिया है। फिलाहल तो अभी वन विभाग को कोई सफलता नहीं मिली है, लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही बाघ पिंजड़े में कैद होगा।
कानपुर चिड़ियाघर के एक्सपर्ट डॉ. नासीर ने बताया कि ये बाघ काफी लंबा है। ऐसा बाघ बहुत कम देखने को मिलता है। इसकी लंबाई 10 फिट के आसपास है। ये अन्य बाघों के मुकाबले काफी चतुर लग रहा है। 
डॉ. नासीर ने बताया कि सबसे पहले तो हमने दो अलग-अलग जगहों पर मचान बनाई है। ये मचान उस जगह पर बनाई गई है, जहां पर उसका मूवमेंट अधिक हो रहा था, क्योंकि खुले में निगरानी करना थोड़ा आसान रहता है।
रहमानखेड़ा के बुधड़िया गांव के पास एक पिंजड़ा भी लगाया गया है।
थर्मल ड्रोन से निगरानी की जा रही है, जो कि बाघ की बॉडी की हीट से उसे पहचान लेगा। यदि बाघ घने जंगल में पहुंच जाता तो वहां पर ये काम नहीं करता है। कई जगहों पर ट्रैप कैमरा लगाया गया है, जहां पर बहुत घना जंगल है। इसके अलावा जंगल के अंदर और बाहर की तरफ सीसीटीवी कैमरा लगाए गए है। खुली गाड़ियों में बैठकर जंगल के अंदर निगरानी की जा रही है।
डॉ. नासीर ने बताया कि घने जंगल के अंदर बार-बार बाघ के छिप जाने के कारण हम लोगों को अब हाथी का सहारा लेना पड़ेगा। इसके लिए दो हाथी दुधवा नेशनल पार्क से बुलाए गए हैं। बाघ हाथी पर अटैक नहीं करता है और हाथी बाघ की खुशबू से उसे खोजने में मदद करता है। 1 जनवरी को हाथी लखनऊ आ जाएंगे।