ओसामा रसूल
कानपुर। भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड के सचिव जय शाह के अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का अध्यक्ष चुने जाने के बाद उनके उत्तराधिकारी के रूप में बोर्ड के उपाध्यक्ष के नाम पर चर्चा न होने से प्रदेश क्रिकेट संघ में निराशा है। वहीं बोर्ड में कोषाध्यक्ष के रूप में अपनी पारी खेल रहे आशीष सेलार, बोर्ड सचिव जय शाह के उत्तराधिकारी के रूप में सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।उसके पीछे का कारण मुम्बई से कई वर्षो से कोई सचिव भी नियुक्त किया जा सका है और सेलार मुम्ब्ई से ताल्लुक रखते आ रहें हैं। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के भीतर यहां से बोर्ड में नुमाइन्दगी करने वाले राजीव शुक्ला के नाम पर चर्चा भी न किए जाने से संघ के भीतर निराशा का माहौल है सभी को यह उम्मीद थी कि राजीव शुक्ला को अनुभवी होने के नाते बोर्ड में बडी जिम्मेदारी मिल सकती है। संघ के भीतर यह चर्चा भी आम थी कि जब उपाध्यक्ष होने के चलते वह प्रदेश संघ का भला करते आ रहे हैं तो वह सचिव बनने के बाद प्रदेश संघ को नई बुलन्दियों पर ले जाने का काम अवश्य ही करेंगे लेकिन उनके अरमानों पर पानी फेर दिया गया जब बोर्ड की वार्षिक आम सभा में उनके नाम की चर्चा तक नही की गयी। क्रिकेट प्रशासकों के अनुभव वाले मामले में दूसरे नम्बर पर आशीष सेलार रहे जिनके नाम पर चर्चा ने रंग पकडा और सभी ने उनको जय शाह के उत्तराधिकारी के रूप में अपनाने की हामी भर दी। बीते रविवार को बेंगलुरु में बीसीसीआई की 93वीं वार्षिक आम सभा में मौजूद सदस्यों ने मौजूदा सचिव जय शाह से अनुरोध किया कि वह अपने उत्तराधिकारी को खोजने की प्रक्रिया में तेजी लाएं ताकि परिवर्तन को सही तरीके़ से बनाया जा सके। उम्मीद है कि शाह नवंबर के आखिरी सप्ताह में अपने पद से हट जाएंगे और 1 दिसंबर से तीन साल की अवधि के लिए आईसीसी के अध्यक्ष का पद संभालेंगे।एजीएम में नए सचिव को चुने जाने का एजे़डा तक नहीं था, लेकिन पता चला है कि इस सभा में उपस्थित लोगों ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की थी।मौजूदा हालात में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रोहन जेटली, बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष आशीष शेलार, संयुक्त सचिव देवजीत सैकिया और गुजरात क्रिकेट संघ के सचिव अनिल पटेल इस जगह को लेने की दौड़ में शामिल हैं। बोर्ड की सभा के बाद से यूपीसीए में राजीव शुक्ला के सचिव बनने की आशाओं का करारा झटका सा लगा है। सूत्र बतातें हैं कि सभा के दौरान सदस्यों ने सर्वसम्मति से एक सोसायटी के रूप में बीसीसीआई की कानूनी स्थिति को बनाए रखने का संकल्प लिया है।इस मामले में यूपीसीए के पदाधिकारी ने बताया कि राजीव शुक्ला यदि सचिव नियुक्त किए जाते तो प्रदेश क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकते थे।पदाधिकारी ने कहा वह प्रदेश संघ को बोर्ड का उपाध्यक्ष रहते भी भला कर सकते हैं।