February 14, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। मोतीझील प्रांगण में चल रही भागवत कथा में आज अयोध्या धाम से पधारे आचार्य हरिदास जी महाराज ने सम्मिलित होकर व्यासपीठ से आशीर्वाद प्राप्त कर कथा श्रवण की एवं कथा पंडाल मे उपस्थित सभी भक्तों को संबोधित किया ।

आज की कथा में आचार्य हरिदास जी महाराज  ने भक्तों को बताया कि भागवत कथा का श्रवण मानव जीवन को संवारने का सर्वोत्तम साधन है। भागवत कथा सुनने से जीवन के सारे बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और अंततः मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

उन्होंने कहा कि देवता चाहकर भी मनुष्य नहीं बन सकता, लेकिन मनुष्य चाहकर देवता बन सकता है। इसका अर्थ यह है कि मानव जीवन में परमात्मा ने इतनी अद्भुत क्षमताएं दी हैं कि वह अपनी इच्छाओं और कर्मों से स्वयं को ईश्वर के करीब ले जा सकता है। धर्म के मार्ग पर चलकर ही जीवन में सभी सिद्धियां और मोक्ष की प्राप्ति संभव है। धर्म का अर्थ केवल पूजा-पाठ से नहीं है, बल्कि यह अपने जीवन में सत्य, करुणा, और सेवा जैसे गुणों को अपनाने से है। 

कथा सुन रहे भक्तों से परोपकार को महाराज जी ने जीवन का सबसे बड़ा धर्म बताया। मानव को अपने जीवन में हमेशा परोपकार करते रहना चाहिए, क्योंकि इससे उसके जीवन के सभी दुख और कष्ट समाप्त हो जाते हैं। 

मानव अपने जीवन में सब कुछ टाल सकता है, लेकिन अपनी मृत्यु को नहीं। मृत्यु अटल है और हर प्राणी के जीवन का अंतिम सत्य है। इसलिए, जीवन का प्रत्येक क्षण सार्थक बनाना चाहिए और धर्म, परोपकार, और सद्कर्मों का पालन करना चाहिए ताकि अंत में मोक्ष की प्राप्ति हो सके।