December 27, 2025

संवाददाता

कानपुर।  प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत आशा कार्यकर्तियों का धरना-प्रदर्शन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। आशा कार्यकर्तियों ने बिल्हौर सीएचसी गेट पर ‘अभी करो, अर्जेंट करो, हमको परमानेंट करो’ जैसे नारों के साथ जोरदार प्रदर्शन किया। वे लंबित प्रोत्साहन राशि, मानदेय भुगतान और स्थायी नौकरी की मांग कर रही हैं।
प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्तियों ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। उन्होंने चल रहे पोलियो अभियान से भी खुद को अलग कर लिया है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है।
आशा कार्यकर्ता सन्नो चौरसिया ने बताया कि अनुग्रह राशि, नियमित प्रोत्साहन मानदेय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत देय भुगतान लंबे समय से लंबित हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधिकारियों से कई बार मांग की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
सन्नो चौरसिया ने यह भी आरोप लगाया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी बनाने का कार्य आशा कार्यकर्तियों ने जिम्मेदारी से पूरा किया, लेकिन इसके लिए उन्हें आज तक मानदेय का भुगतान नहीं किया गया।
आशा कार्यकर्तियों की मुख्य मांगों में उन्हें वेतनभोगी कर्मचारी का दर्जा और न्यूनतम 21 हजार रुपए मासिक वेतन सुनिश्चित करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, प्रसव कराने पर मिलने वाले मानदेय के बकाया भुगतान की भी तत्काल मांग की गई है।
प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्तियों ने बताया कि अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने उनसे संपर्क नहीं किया है और न ही कोई आश्वासन दिया गया है। इस स्थिति के कारण कार्यकर्तियों में असंतोष है।
यह प्रदर्शन प्रदेशव्यापी अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत बिल्हौर तहसील के बिल्हौर, ककवन, शिवराजपुर और चौबेपुर स्थित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रदर्शन जारी है। आशा कार्यकर्तियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

शिवराजपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य द्वार पर आशा वर्करों ने धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन जिला अध्यक्ष आशा कुशवाहा की अगुवाई में शिवराजपुर ब्लॉक की समस्त आशा वर्करों द्वारा किया गया।

उनकी मुख्य मांगों में ड्यूटी का समय निश्चित करना, स्वास्थ्य सेवा का लाभ प्रदान करना और राज्य कर्मचारियों के समान सुविधाएं देना शामिल है।

जिला उपाध्यक्ष रेखा पाल ने बताया कि सुबह से चल रहे इस प्रदर्शन में अभी तक कोई भी ज्ञापन लेने नहीं आया है।

यूनियन की जिला अध्यक्ष ने जानकारी दी कि प्रदेश अध्यक्ष विजय विद्रोही ने स्पष्ट किया है कि इस बार की लड़ाई ‘आर-पार’ की होगी।

उन्होंने बताया कि 18 दिसंबर को जिले स्तर पर सभी आशा वर्कर इकट्ठा होकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगी।

यदि उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं होती है, तो 23 दिसंबर को प्रदेश यूनियन विधानसभा भवन का घेराव कर शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करेगा।

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