January 18, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। आईआईटी के साइबर सुरक्षा प्रोद्योगिकी नवाचार केंद्र ने अमेरिका के तुलसा विश्वविद्यालय के सहयोग से नई दिल्ली में 21वें वार्षिक सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिसमें डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञ और शोधकर्ता एक साथ आए। 

इस सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों के साथ-साथ विभिन्न जांच एजेंसियों, फोरेंसिक प्रयोगशालाओं, शैक्षणिक संस्थानों, कानून प्रवर्तन और सरकारी निकायों के 350 से अधिक प्रतिष्ठित पेशेवरों ने भाग लिया।

इस सम्मेलन में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए गए, जिनमें भारत सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल एम. उन्नीकृष्णन नायर ने डिजिटल फोरेंसिक उभरती प्रौद्योगिकियों के कारण उत्पन्न चुनौतिया विषय पर व्याख्यान दिया।

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के निदेशक और वैज्ञानिक डॉ. गौरव गुप्ता ने विकसित डिजिटल फोरेंसिक इकोसिस्टम विषय पर व्याख्यान दिए। 

लेफ्टिनेंट जनरल एम. उन्नीकृष्णन नायर ने रैनसमवेयर हमलों के खिलाफ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की रक्षा करने, उन्नत मैलवेयर का पता लगाने और डिजिटल जगत  में सच और झूठ में अंतर करने की कठिनाई से निपटने में आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन मुद्दों के समाधान में अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी खतरों के मद्देनजर नागरिकों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए अधिक सहयोग और एकीकृत प्रयास का आह्वान किया।

डॉ. गौरव गुप्ता ने कंप्यूटर फ्रॉडस् और साइबर अपराधों के उभरते परिदृश्य पर चर्चा की, तथा साइबर-भौतिक प्रणालियों, क्वांटम कंप्यूटिंग और अन्य उन्नत प्रौद्योगिकियों से संबंधित उभरती फोरेंसिक चुनौतियों और उनके संभावित समाधानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने छात्रों द्वारा तैयार किए गए विश्व के प्रथम जालसाजी-रोधी मुद्रण योग्य समाधान के लिए पेटेंट हेतु लंबित समाधान का भी उल्लेख किया, जिसे सामान्य रंगीन प्रिंटर से तैयार किया जा सकता है। साथ ही एक अनुकूलित स्मार्टफोन ऐप का उपयोग करके इसकी प्रामाणिकता को आसानी से सत्यापित किया जा सकता है।  

इस वर्ष का सम्मेलन उल्लेखनीय रूप से सफल रहा, जिसमें व्यावहारिक चर्चाएँ, नवीन विचार और मूल्यवान सहयोग को बढ़ावा मिला, जिससे डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र में प्रगति के मार्ग प्रसस्त हुए ।