February 5, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर।  चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के आधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा फसल अवशेष परियोजना के अंतर्गत कॉलेज विद्यार्थी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम दर्शन सिंह महाविद्यालय केसरी नवादा कानपुर देहात में आयोजित किया गया था। जिसमें 250 से भी अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। 

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. अजय कुमार सिंह ने  बताया कि किसान फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं। जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है साथ ही साथ मृदा के  पोषक तत्वों का नुकसान होता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को जागरूक करते हुए बताया कि पराली को खेत में मिला देने से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। उन्होंने बताया कि खेत के अंदर जीवांश की मात्रा कम होने के कारण सब्जियों,फलों एवं अन्य फसलों के स्वाद व गुणवत्ता में  बहुत कमी आ जाती है। जो कि फसल अवशेषों की खाद बनाकर मृदा में मिलाने से बढ़ाई जा सकती है। 

इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. राजेश राय ने  बताया कि पशुओं के गोबर की खाद को मिलाने व फसल अवशेषों को मिलाने से मृदा में जीवांश क्षमता बढ़ती है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर निबंध लेखन, चित्रकला एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्रबंधक यादवेंद्र सिंह ने सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने छात्र छात्राओं से कहा कि अपने अभिभावकों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी अवश्य दें। 

केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. खलील खान, डॉ. निमिषा अवस्थी ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस अवसर पर गौरव शुक्ला, शुभम यादव सहित विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एनके सिंह एवं शिक्षकगण श्रवण कुमार, संतोष कुमार गुप्ता एवं रेणु देवी कटियार सहित विद्यालय स्टाफ के लोग  उपस्थित रहे।