आ स. संवाददाता
कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में चल रही और भौतिकी विभाग और मैग्नेटिक सोसाइटी ऑफ इंडिया के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ ।
इस कार्यशाला में 30 वैश्विक विशेषज्ञों की श्रृंखला शामिल थी, जिन्होंने इन गतिशील क्षेत्रों में मूलभूत अवधारणाओं और नवीनतम प्रगति की खोज पर ट्यूटोरियल और व्यावहारिक व्याख्यान दिए ।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन करके प्रो. कुमार वैभव श्रीवास्तव, डीन ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, प्रो. तपोब्रत सरकार, भौतिकी विभाग के प्रमुख और संयोजक प्रो.रोहित मेदवाल ने किया था।
इस कार्यशाला के दौरान अमृता के भूषण और उनके युवा शिष्यों द्वारा एक नृत्य प्रदर्शन किया गया।
प्रो. रोहित मेदवाल ने कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में विस्तार से बताया कि इस कार्यशाला ने अकादमिक और उन्नत अनुसंधान के बीच सेतु का काम किया, तथा युवा मस्तिष्कों को अन्वेषण, नवाचार और वैश्विक वैज्ञानिक प्रगति में योगदान करने के लिए एक गतिशील मंच प्रदान किया । इस तरह के प्रयास न केवल भविष्य की सफलताओं को प्रेरित करते हैं, बल्कि प्रभावशाली अनुसंधान और परिवर्तनकारी खोजों के लिए आधार को भी मजबूत करते हैं।
स्कूल ऑन मैग्नेटिज्म एंड स्पिनट्रॉनिक्स उभरते वैज्ञानिकों को सशक्त बनाने और महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षेत्रों में अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए आईआईटी कानपुर के समर्पण का जीवंत उदाहरण है। वैश्विक ज्ञान के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने और नवाचार को बढ़ावा देने से, यह भविष्य के नवाचारों का मार्ग प्रशस्त करता है। इस तरह की पहल युवा शोधकर्ताओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित करती है।