—कोविड के बाद से बंद था मदरसा।

आ स. संवाददाता
कानपुर। बरसो से बंद पड़े एक मदरसे में बच्चे का कंकाल पड़ा मिला। मकान का ताला टूटने की बात पता चलने पर मदरसा मालिक पहुंचे, तब यह बात सामने आई। बुधवार को पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक टीम ने कंकाल को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।
यह तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही सामने आएगा कि बच्चे की मौत कैसे हुई। कमरे में कोई और चीज पड़ी नहीं मिली। यह भी पता नहीं चला कि ये हत्या है या बच्चा गलती से मदरसे के अंदर बंद हो गया था, या फिर भूख और बीमारी से उसकी मौत हो गई। फिलहाल जाजमऊ थाने की पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
नई सड़क पर शब्बीर अहमद रहते हैं। उनका जाजमऊ के पोखरपुर फार्म वाली गली में करीब 100 वर्ग गज का मकान है। इसमें शब्बीर के दामाद परवेज अख्तर पिछले 10 साल पहले से मदरसा चलाते थे। इस मदरसे का नाम कदरिया उलूम था। 4 साल पहले कोविड काल में यह मदरसा बंद कर दिया गया था। 2 साल पहले परवेज अख्तर की भी कैंसर से मौत हो गई।
परवेज के बेटे अमजा ने बताया कि डेढ़ से दो साल पहले हम लोग जब मदरसा पर आए थे, तब भी ताला टूटा पड़ा मिला था। तब हम लोंगो ने नया ताला लगा दिया था। तब हम लोगों ने अंदर जाकर नहीं देखा था कि वहां क्या है।
बुधवार दोपहर केडीए में रहने वाले हमारे ममेरे भाई अनस ने बताया कि मदरसे का ताला फिर से टूटा पड़ा है। इसके बाद हम लोग वहां पहुंचे। जब हमने अंदर जाकर देखा, तो कमरे में एक बच्चे का कंकाल पड़ा था। इसके बाद हमने तुरंत पुलिस को इस बारे में बताया।
कुछ देर बाद ही एडीसीपी पूर्वी राजेश कुमार श्रीवास्तव और फोरेंसिक टीम आ गई। पुलिस और फोरेसिक टीम ने पड़ताल करने के बाद साक्ष्य इकट्ठे किए। फोरेंसिक एक्सपर्ट की मानें, तो शव पूरी तरह से डिस्पोज हो चुका है। सिर्फ कंकाल और उसके ऊपर कपड़ा बचा है। कंकाल को देखकर यह भी बताना भी मुश्किल हो रहा है कि मेल या फीमेल, किसका शव है। मामले की जांच की जा रही है।