December 13, 2024

आ स. संवाददाता

कानपुर। पुत्रों की दीर्घायु की कामना के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत मंगलवार से नहाय खाय के साथ हो गयी ।अब बुधवार को फिर दूसरे दिन खरना उत्सव होगा। खरना के साथ ही व्रत का शुभारंभ भी हो जाएगा। शहर में पूर्वान्चल से जुडे लोगों ने पूजन की तैयारियां जोर शोर से शुरु कर दी है। इसके साथ ही वेदियां बनाने का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को व्रती महिलाएं अस्त होते सूर्य को अर्ध्य देंगी और पुत्र के दीर्घायु की कामना करेंगी, जबकि अगले दिन सुबह उदय होते सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा। व्रतियों ने स्नान कर छठ व्रत का संकल्प लिया। उसके बाद अरवा चावल का भात, चने की दाल और कद्दू की सब्जी ग्रहण करी। इसमें परिवार के सदस्य भी शामिल रहे। नहाय-खाय के बाद व्रती खरना की तैयारी में जुट गए। इस दौरान व्रतियों ने खरना के लिए गेहूं धोकर सुखाया और मिट्टी के चूल्हे को अंतिम रूप दिया। गेहूं सुखा रही व्रती महिलाओं के मुख से छठ माई पर आधार गीत… पहिले पहिले हम कइली, छठी मईया बरत तोहार…..जैसे गुनगुना रही थी। व्रतियों ने बताया कि नहाय खाय के साथ ही उनकी कठिन परीक्षा शुरू हो गई है। लेकिन, उन्हें पूरा विश्वास हैं कि छठ मईया के प्रताप से उनका व्रत सहज तरीके से संपन्न हो जाएगी। छठ पूजा का मुख्य पूजन 7 नवंबर की शाम और 8 नवंबर की सुबह होगा जब व्रती महिलाएं भगवान सूर्य को अर्ध्य देकर छठ मइया से पुत्रों के दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की कामना करेंगी । घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ेगा। मंगलवार को पहले दिन महिलाओं ने घरों में पूजन अर्चन किया शाम को ही चौरा में दउरा और सूप में फल,फूल, नारियल और अन्य पूजन सामग्रियां रख दिया । शाम को अखंड ज्योति जलाकर मां का पूजन अर्चन किया गया अब दूसरे दिन बुधवार को महिलाएं खरना उत्सव मनाएंगी  और फिर गुरुवार की शाम को घाट पर पहुंचकर डूबते सूर्य को अर्ध्य देकर सुख समृद्धि व दीर्घायु की कामना करेंगी वे एक दूसरे की मांग में सिंदूर भी भरेंगी। शूक्रवार को जब सूर्य उदय होंगा तब उन्हें अर्ध्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा।

अर्मापुर,पनकी,सीटीआई नहर,दबौली,बर्रा नहर के साथ ही शास्त्री नगर, नमक फैक्ट्री चौराहा पर बनाए गए वैकल्पिक तालाब,मैस्कर घाट,गंगा बैराज,गोला घाट में भी छठ पर्व का पूजन अर्चन होगा।