
आ स. संवाददाता
कानपुर। शहर में स्मार्ट सिटी के तहत बनाए गए 30 स्मार्ट बस स्टॉपेज केवल शोपीस बनकर रह गए हैं। यहां पर लगे विज्ञापन और इसके बगल में बनाई गई दुकानें तो चमक रही है। लेकिन इन बस स्टापो में आज तक कोई बस नहीं रुकी। करीब डेढ़ साल बाद भी बस के रूट तक निर्धारित नहीं किए गए है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत इन सभी बस स्टॉपेज का निर्माण भी आधुनिक तरीके से किया गया है ।
नगर में इन बस स्टॉपेज का निर्माण इसलिए किया गया था कि ई-बसों का संचालन आधुनिक तरीके से किया जाएगा और बसें निर्धारित रूट के बस स्टॉपेज पर ही रुकेंगी। लेकिन ये योजना कागजों में ही कैद होकर रह गई। ई-बसें सड़कों के बीच में जहां-तहां रुककर सवारी उतार और चढ़ा रही हैं।
कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारियों के मुताबिक, इन बस स्टॉप को पीपीपी मॉडल के तहत बनाया गया है। इन पर लगभग चार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। प्रत्येक बस स्टॉपेज में एक दुकान भी बनाई गई है। अधिकारियों ने इन दुकानों को किराये पर उठा दिया, विज्ञापन बोर्ड में चल रहे विज्ञापन भी चमक रहे हैं।
नगर में वर्ष 2021 में अलग-अलग रूट पर तीस स्मार्ट बस स्टॉप बनाए जाने का खाका तैयार किया गया था।लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते ये योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है।
स्मार्ट सिटी के तहत मोतीझील, रामादेवी, टाटमिल, श्यामनगर, जरीब चौकी, गोल चौराहा, बड़ा चौराहा, सरसैया घाट, कल्याणपुर, रावतपुर, नौबस्ता, पनकी, राजीव पेट्रोल पंप चौराहा समेत 30 चौराहों पर ये आधुनिक बस स्टॉपेज बनाए गए हैं।