October 5, 2024

कानपुर। बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम की उन सुविधाओं का बचाव किया है, जो दूसरे भारत-बांग्लादेश टेस्ट के दो दिन के खेल को रद्द करने के बाद आलोचनाओं के घेरे में आ गई है, इनमें से एक दिन तो खेल के निर्धारित घंटों के दौरान बारिश नहीं होने के बावजूद भी रद्द कर दिया गया था। शुक्ला ने कहा जब वह यहां आये तो उन मुददों पर सरकारी अधिकारियों के साथ ही यूपीसीए के अधिकारियों से लंबी चर्चा की, क्योंकि यह स्टेडियम सरकार का है। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि ग्रीनपार्क के नवनिर्माण में प्रदेश सरकार का परस्पर सहयोग मिले तो जल्दप ही कार्य सम्पादित किया जा सकता है।  अब इसके लिए जमीन खोदनी होगी, नई तकनीक लागू करनी होगी और सब कुछ करना होगा। इसलिए, यहां आने के तुरंत बाद, मैंने अधिकारियों से चर्चा की और वे भी इसी पर हैं और लगता है कि हम जल्द ही यहां की स्थितियों को सुधारने में सक्षम होंगे।कभी-कभी ऐसा होता है, हालांकि हम सभी भगवान इंद्र से प्रार्थना करते हैं कि वे बारिश न करें, लेकिन, आप जानते हैं, ऐसा होता है। और यह पूरी दुनिया में होता है। तो, कानपुर और ग्रीन पार्क को अनावश्यक रूप से उस चीज़ के लिए क्यों दोषी ठहराया जा रहा है जो प्रकृति के हाथों में है?”शुक्ला ने सोमवार को कहा, “खैर, आलोचना एक ऐसी चीज है, जिसका हम बीसीसीआई के क्रिकेट प्रशासन में आदी हैं। लेकिन हर चीज की आलोचना हो रही है। कुछ कारणों से कानपुर को मैच नहीं दे रहे थे, तब भी यूपीसीए की आलोचना हो रही थी। अब सेन्टार को मैच दिए जा रहे हैं और फिर भी आलोचना हो रही है कि यह कानपुर को क्यों दिया गया तो यह चलता रहता है। समस्या यह है कि यह मैदान लगभग 80 साल पुराना है। यह एक विरासती मैदान है। अगर आपको याद हो तो यह एक स्थायी टेस्ट सेंटर हुआ करता था। मूल छह स्थायी टेस्ट सेंटर कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली, बैंगलोर, मुंबई और कानपुर थे। यह एक स्थायी सेंटर है। इसलिए पूरा विचार यहां टेस्ट मैच आयोजित करने का था। 80 सालों में यह पहली बार है कि इतनी बारिश हुई कि हम दो दिनों तक मैच की मेज़बानी नहीं कर पाए।” दूसरे और तीसरे दिन के खेल के घंटों के दौरान बहुत कम बारिश हुई, जिससे मैच रद्द हो गया। दोनों दिनों में खेल से पहले के घंटों में ही नुकसान हुआ और जल निकासी प्रणाली उस कार्यभार को संभालने में असमर्थ दिखी, जो उस पर डाला गया था।