January 22, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
मवेशी लदे ट्रक को रोकने पर बजरंग दल की  गाड़ी पर मवेशी तस्करो ने हमला कर दिया। सूचना पर पुलिस ने मवेशी लदे ट्रक को घेराबंदी करके पकड़ लिया। ट्रक की जांच के दौरान बजरंगदल की सूचना गलत निकली और गाड़ी में कोई गोवंश नहीं मिला। पुलिस ने गाड़ी में ठूस-ठूस कर भरे मवेशियों को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम में रिपोर्ट दर्ज की है।
आक्रोशित बजरगंदल के पदाधिकारियों ने ट्रक चालक समेत तीन लोगों को दबोच लिया और ट्रक से खींचकर तीनों को बेरहमी से पीटा। इसके बाद उन्हें पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय ने बताया कि देर रात  बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं को सूचना मिली कि राजस्थान नंबर के एक ट्रक में गोवंश लदा हुआ है। सूचना पर गंगा बैराज पर बजरंग दल के पदाधिकारी कृष्णा तिवारी समेत अन्य ने ट्रक को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वह भाग निकला। कृष्णा ने बजरंग दल के पदाधिकारियों के साथ कार से पीछा किया तो मवेशी लदे गाड़ी में बैठे लोगों ने पथराव कर दिया। इससे कार का शीशा भी टूट गया। 

सूचना मिलने पर बिठूर थाने की पुलिस और पीआरवी ने घेराबंदी की और यश कोठारी चौराहा के आगे मंधना रोड पर पेट्रोल पंप के पास एक ट्रक को संदेह के आधार पर पकड़ लिया।

जांच के दौरान ट्रक में गोवंश नहीं मिला और सूचना गलत निकली। लेकिन जब ट्रक को चेक किया गया तो उसमें भैंस के पड़वे भरे हुए थे। कोई भी गोवंश बरामद नही हुआ। ट्रक चालक एवं उसके दो साथियों द्वारा उक्त भैंस के पड़वो को क्रूरता पूर्वक ले जाया जा रहा था। जिसके कारण मौके से पकड़े गए ट्रक चालक व उसके दो साथियों के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई है ।
मामले में बजरंग दल के पदाधिकारियों ने ट्रक चालक और साथ में मौजूद पशु तस्करों को घेरकर उन्हें बेरहमी से पीटा। इसके बाद उन्हें बिठूर पुलिस के हवाले कर दिया। जांच के दौरान गाड़ी में लदे मवेशियों के दस्तावेज मिले, लेकिन उन्हें ठूंस-ठूंस कर भरा गया था। इस वजह से पशु क्रूरता अधिनियम में एफआईआर दर्ज की गई है।
बजरंग दल के पदाधिकारी ने भी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए बिठूर थाने में तहरीर दी है। कृष्णा तिवारी का आरोप है कि पीछा करने पर पथराव और फायरिंग करके जानलेवा हमला किया गया है। 

एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय ने बताया कि कृष्णा तिवारी की तहरीर पर जांच की जा रही है। फिलहाल जानलेवा हमले का कोई साक्ष्य नहीं मिला है। पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है कि आखिर बजरंग दल इतनी रात में वाहनों की चेकिंग कैसे कर रहा था। बजरंग दल ने पहले पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी।