
संवाददाता
कानपुर। रतनलाल नगर स्थित जैना पैलेस को गिराए जाने के विरोध में शनिवार को वर्षों से फ्लैट का कब्जा लिए हुए लोगों ने जमकर विरोध किया। उनका कहना है कि बिल्डर ने उनसे 1989 में करीब 54 हजार रुपए लेकर फ्लैट का कब्जा दिया था, लेकिन आज तक बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं दी गईं। इसी कारण वे वहां निवास नहीं बना पाए। कब्जेदारों का आरोप है कि अब बिल्डिंग गिराकर भूमाफिया इसमें जबरन कब्जा करना चाहते हैं।
गुरुवार रात गोविंद नगर के ब्लॉक 11 निवासी जतिन चौधरी के 15 वर्षीय बेटे सार्थक चौधरी की इंटरनेट केबिल में फंसकर गिरने से मौत हो गई थी। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जैना पैलेस को पोकलैंड मशीन से गिराने के दौरान केबिल टूटकर नीचे गिरा था, जिसकी चपेट में आने से सार्थक की जान चली गई।
शनिवार को प्रदीप कटियार, सुशील कटियार, अनुपम मिश्रा, संपूर्णानंद भट्ट, अमित स्वामी सहित कब्जेदार क्षेत्रीय पार्षद और भाजपा नेताओं के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि मनोज सेंगर और संकल्प गुलाटी पोकलैंड से बिल्डिंग ध्वस्त कर अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।
हंगामे की सूचना पर गोविंद नगर पुलिस मौके पर पहुंची और कब्जेदारों को समझाने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच बहस भी हुई। पुलिस के पहुंचते ही बिल्डर और मजदूर मशीनें छोड़कर मौके से भाग निकले। कब्जेदारों ने बिल्डर के खिलाफ तहरीर दी है।






