February 14, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। कथावाचक देवकी नंदन ने मोतीझील प्रांगण में  श्रद्धालुओं से कहा है कि सनातन बोर्ड हमारे लिए उतना ही जरूरी है, जितना वोटिंग का अधिकार। वोटिंग हमे सरकार चुनने का मौका देती है… जबकि सनातन बोर्ड हमारे धार्मिक स्थलों को स्वतंत्रता का अधिकार देगा।देवकी नंदन महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत में वक्फ बोर्ड की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि हम तो यह काफी समय से कह रहे है कि जब पाकिस्तान बना दिया गया तो वक्फ बोर्ड की क्या जरूरत। वक्फ बोर्ड के खिलाफ काफी लंबे समय से आवाज उठाई जा रही थी, जो अब सरकार तक पहुंच गई है। इसी प्रकार हम आशा करते हैं कि सनातन धर्म के लिए सनातन बोर्ड विस्तार की आवाज भी सरकार तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि सनातनियों की आस्था से खिलवाड़ कर उन्हें प्रसाद में चर्बी खिलाई गई, ऐसे कामों को रोकने के लिए सनातन बोर्ड का विस्तार होना चाहिए। सनातन बोर्ड का विस्तार होने से हमारे धार्मिक स्थलों से सरकार का हस्तक्षेप खत्म होगा और शंकराचार्य उनका संचालन करेंगें।
देवकी नंदन महाराज ने कथा की शुरुआत मन्त्रोच्चार के साथ की। उनके बांके बिहारी का भजन गाते ही पंडाल में मौजूद श्रद्धालु तालियां बजाने लगे, महिलाएं तो भक्तिभाव  से ओत-प्रोत होकर पंडाल में झूमने लगी। कथा के दौरान उन्होंने कहा कि भगवान की कथा सुनना एक अद्भुत और दिव्य अनुभव है, जो जीवन के सभी दुखों को समाप्त कर देता है।
जब कोई व्यक्ति भगवत कथा को श्रद्धा और ध्यानपूर्वक सुनता है, तो उसके जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। मानव जीवन में भगवत कथा से मिलने वाले ज्ञान का विशेष महत्व है।
अपने ज्ञान के माध्यम से ही व्यक्ति अपने भीतर के अज्ञान और अंधकार को दूर कर सकता है। जैसे अंधेरी रात में एक दीपक प्रकाश फैलाता है, वैसे ही ज्ञान का प्रकाश व्यक्ति को अज्ञानता से हटाकर सही मार्ग दिखाता है, और उसे पापों के चक्र से बाहर निकालता है।