April 27, 2025

—पुरातन मिष्ठान से किनारा करते जा रहे लोग रेडीमेड मिठाई की ओर आकर्षित

आ स. संवाददाता

कानपुर। कानपुर नगर में कई दशकों से पुरातन मिष्ठान जैसे खिलौने , गट्टे, बड़े गट्टे, इलायची दाना, बताशो की मांग इस बार दीपावली में कम हो गई है।कोरोना काल से बैठे इस पुरातन मिष्ठान वाले बाजार में दीपावली जैसे पर्व में भी इसकी रार टूटती नही दिखायी पड़ रही है। हटिया स्थित इस थोक बाजार में बैठे दुकानदार सुबह से शाम तक ग्राहको का इंतज़ार ही कर रहे हैं। पुरातन मिष्ठान के थोक बाजार में सन्नाटे की वजह यह भी है की पिछली बार की अपेक्षा हर आइटम में 10 से 12 रुपए  की बढ़ोतरी देखी जा रही है। दुकानदारों का यह भी मानना है कि लोग बाज़ारवाद के चलते इस पुरातन मिष्ठान से थोड़ी दूरी बनाते जा रहे है। जबकि रेडीमेड मिठाई जैसे चॉकलेट, सोन पापड़ी , हलवा सोहन आदि मिठाई लोगों को आकर्षित कर रही हैं। बताते चलें कि कानपुर हटिया स्थित इस पुरातन  मिष्ठान के थोक बाजार में दीपावली पर्व से लगभग एक से डेढ़ माह पूर्व ही ग्राहकों का आना-जाना शुरू हो जाता था और उन गलियों पर तिल रखने की जगह भी नहीं बचती थी। आज स्थिति यह है कि बाजार में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है दुकानदार ग्राहकों के इंतजार में बैठे सुबह से शाम तक मिष्ठान निर्माण करके बैठे है लेकिन ग्राहक दिखाई नही दे रहे। माना जाता है कि दीपावली पर्व में खील और शक्कर के खिलौने की ही पूजा की जाती है और इन्हें पुरातन मिष्ठान के नाम से भी जाना जाता है। पुरातन मिष्ठान निर्माण करने वाली गीता देवी के अनुसार इस बार महंगाई होने के चलते ही व्यापार में असर पड़ा है। जहां पहले दूर दराज के व्यापारी महीनो पहले इन मिष्ठानों के लिए कुन्तलों का ऑर्डर दे जाते थे आज वह किलो के हिसाब से सामान मंगवा रहे हैं। जबकि दूसरे दुकानदार विनय गुप्ता के अनुसार महंगाई तो पहला कारण है ही  लेकिन दूसरा कारण यह भी है कि कानपुर कमिश्नरेट ने जाम के चलते व्यापारियों के यहां आने पर रास्ते में थोड़ी बैरिकेट्स भी कर रखी है जो नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने बताया कि पिछली बार इन  पुरातन मिष्ठान का रेट ₹60 से ₹80 किलो के बीच था वह अब महंगाई के चलते बढ़कर ₹80 से बढ़कर ₹100 के बीच पहुंच गया है।