December 22, 2024

कानपुर। पहाडों पर बीते कुछ समय से बेतहाशा बारिश और नरौरा व हरिद्धार के बांधों से छोडा जा रहा लाखों क्यू़सेक पानी से नगर की गंगा और सहायक नदियों के किनारे बाढ जैसी स्थिति पैदा हो गयी है। नगर के बिठूर से बैराज और इसके आगे कटरी से सटे 13 गांव पानी से पूरी तरह घिर चुके हैं। इन गांवों में रहने वाले किसानों के घरो की लगभग 15 हजार की आबादी बाढ़ की चपेट में फंस चुकी है। पानी के बढ जाने से इन दिनों गंगा और इसकी सहायक नदियां उफान पर हैं पांडु नदी का पानी गांवों तक पहुंच गया है। कटरी के चैनपुरवा में सबसे ज्यादा आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। बिठूर टू चैनपुरवा तक 8 गांवों का मेन सड़क से संपर्क टूट चुका है। कानपुर साउथ में भी स्थिति बदहाल है।आलम यह है कि जिन सड़कों पर गाड़ियां दौड़ती थीं, आज वहां नाव चल रही हैं। स्थानीय ग्रामीण सिर तब डूबकर आने-जाने को मजबूर हैं। करीब 1 हजार से बीघा फसल बर्बाद हो चुकी है।मैनावती मार्ग से जोड़ने वाले रास्ते पर भी घुटनों तक पानी भरा हुआ है। भोपालपुरवा गांव में भी नाव चल रही है। यहां से आगे कुछ दूर हमें घुटनों तक पानी मिला। इसके बाद नाव ही हमारा सहारा बनी।कानपुर के 13 गांव जलमग्न हैं। ये गांव- चैनपुरवा, भोपालपुरवा, धारमखेड़ा, देवनीपुरवा, नई बस्ती, मंगलपुरवा बड़ा, मंगलपुरवा छोटा, पहाड़ीपुर, कटरी शंकरपुर सराय, गंगा बैराज नई बस्ती, नत्थापुरवा, मेघनपुरवा और कल्लूपुरवा हैं।यहाँ की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। घर में पानी घुस गया है। लगातार पानी बढ़ रहा है। पूरी रात नजर बनाकर रखनी पड़ती है कि कहीं बढ़ तो नहीं रहा है।भगवानदीनपुरा और भोपालपुरवा की स्थिति विकट बनी हुई है। वहीं बैराज से आगे की कटरी में चैनपुरवा बाढ़ की चपेट में है। कानपुर बैराज के सभी 30 गेट पूरी तरह खोल दिए गए हैं। इससे हालात और विकट हो गए हैं।बाढ़ का पानी करीब 10 फीट तक चढ़ा हुआ है। बीच में पड़ने वाले फार्म हाउस भी आधे से ज्यादा डूब गए हैं। सभी में ताला लगा हुआ है। ग्रामीण अपने जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं। जानवरों के बच्चों को ग्रामीण गोद में उठाकर ले जाते हुए दिखे। नदी के बाएं तट पर स्थित ग्राम पंचायत लोधवा खेड़ा के चौनपुरवा, धारमखेड़ा, देवनीपुरवा, नई बस्ती, मंगलपुरवा बड़ा, मंगलपुरवा छोटा, पहाड़ीपुर, कटरी शंकरपुर सराय ग्राम पंचायत के ग्राम गंगा बैराज नई बस्ती, नत्थापुरवा, रामनिहालपुर, मेघनपुरवा, कल्लूपुरवा और कच्ची मड़ैया बाढ़ से घिर गए हैं।शहर के उत्तरी भाग में मकड़ीखेड़ा, सरस्वती विहार, गुप्ता सोसाइटी, वसुधा विहार और नवाबगंज से सटे कई मोहल्लों में भारी जलभराव है। इस वजह से भी लोग घरों को छोड़कर अन्यत्र पलायन करने लगे हैं। मकड़ीखेड़ा में तो बच्चों का स्कूल जाना ही मुश्किल हो गया है। घुटने से अधिक पानी में लोग घरों से पानी में घुसकर निकल रहे हैं।गंगा का पानी कानपुर के शहरी क्षेत्र भैरवघाट के अंदर तक आ गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां करीब 10 साल बाद पानी भैरवघाट के अंदर आया है। घाट के बगल में बने मंदिर के अंदर तक पानी घुस गया है। मंदिर के अंदर करीब 6 फीट तक पानी घुस गया है। वहीं अटल घाट, सरसैयाघाट, भैरवघाट समेत अन्य घाटों पर अहतियात बरती जा रही है।