आ स. संवाददाता
कानपुर। दीवाली पर्व के नजदीक आते ही उसमें प्रयोग होने वाली पूजन और प्रसाद की दुकानें सजनी भी शुरु हो गयी हैं। इस पर्व पर पूजा में प्रयोग होने वाली खाद्य सामग्री लईया, चूरा, खील, गटटा आदि की थोक की दुकाने एक्सप्रेस रोड पर लग गयी है। इस अस्थायी बाजार को सजाने के लिए नगर ही नही आसपास के जिलों के व्यापारी यहां पर आतें हैं और रात में वापस अपने घरों को चले जाते हैं। कुछ व्यापारी होटलों में तो कुछ वहीं पर तिरपाल तान कर रात बिता लेते हैं। इन दुकानों से कानपुर के आसपास व ग्रामीण अंचलो से आने वाले लोग खरीदारी करने पहुंचते हैं। लगभग एक किलोमीटर के परिक्षेत्र में लगने वाली इन दुकानों से दीपावली के दिन तक करोडों का वारा न्यारा होने की संभावना आंकी जाती है। मालरोड से घण्टाघर जाने वाली एक्सप्रेस रोड पर बाहरी व्यापरियों का जमावडा लगना शुरू हो गया है। यह व्यापारी दीपावली के पूजन में प्रयोग होने वाली सामग्री को बेचंते है। लईया,खील,चूडा और गटटे की आढत की रेट वहां आने वाले किसान बाजार के व्यापारियों के साथ मिलकर तय करते हैं। बाजार खुलते समय रेट रोजाना तय किए जाते हैं। माना जाता है कि त्यौहार के पास आते ही जैसे-जैसे मांग बढ़ती जाती है वैसे-वैसे सामग्रियों के दामों में भी बढोत्तरी करना तय किया जाता है। लइया के थोक व्यापारी विशाल शुक्ला के अनुसार इस बार चावल का समर्थन मूल्य बढ जाने से इन खाद्य सामग्रियों के रेट दोगुने हो गए हैं।
बाजार में पहले दिन जो भाव खुले है उसमें थोक में खील जो बीते साल 50 से 56 रू0 प्रति किलो थोक के हिसाब से बिकी थी इस बार उसके रेट में उछाल आया है इस बार वो 90 से 107रू0 प्रति किलो तक पहुंच गई है। बऊअन ठाकुर ने बताया कि रेट 36 से 44 रू0 प्रति कि047 से 50, चूरा पिछली बार 40 से 45रू0 प्रति कि0 इस बार वो भी 50 से ऊपर आ गई है, मीठे सामान में गटटा 65रू0, इलाइची दाना 68 तथा शक्कर के खिलौने 70 रू0 प्रति किलो भाव है। बताया कि फुटकर में लगभग 15 से 20 रू0 किलो बढकर बाजार है। व्यापारी रंजन कुशवाहा ने
कहा अभी शुरूआत है और अभी दर्जनों व्यापारियों को आना है ऐसे में मांग नही होगी तो दाम नीचे भी जा सकते है लेकिन अभी तक ऐसा नही हुआ है। हर वर्ष माल कम पड़ जाने से बाजार काफी ऊंचे पहुंच जाती है।