February 13, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। नगर के हूलागंज निवासी एक प्राइवेट कर्मी को साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया। उन्होंने कर्मी को डिजिटल अरेस्ट कर लिया। यह प्राइवेट कर्मी आठ घंटे तक उनकी कैद में भी रहा, मगर सूझबूझ से वह ठगे जाने से बच गया और साइबर ठग उसका पैसा नहीं हड़प सके। कारोबारी ने साइबर अपराध सेल में तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अपनी समझदारी से साइबर ठगी से बचे हूलागंज निवासी नितिन गुप्ता ने बताया कि सुबह नौ बजे वह घर से काम पर निकलने वाले थे। उसी दौरान उनके नम्बर पर वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली आयकर विभाग का अधिकारी बताया। फोन करने वाले ने नितिन से कहा कि उसके नाम पर दिल्ली में लक्ष्मी ट्रांसपोर्ट है। जिसका दस लाख रुपए टैक्स बकाया है। नितिन के मुताबिक जब उन्होंने शातिर से कहा कि उनकी कोई ट्रांसपोर्ट फर्म नहीं है, और वह नौकरीपेशा आदमी है। तो कॉल करने वाले ने यह कहते हुए कॉल ट्रांसफर कर दिया कि अब तुमसे दिल्ली के अधिकारी बात करेंगे। इसके बाद खुद को अजय राय बताते हुए दूसरे व्यक्ति ने बात शुरू कर दी। उसने काफी देर तक पूछताछ की, इसके बाद सीबीआई अधिकारी राकेश से बात करने को कहा।
नितिन ने बताया कि सीबीआई अधिकारी बने व्यक्ति ने भी पूछताछ की और कहा कि तुम्हारे खाते में हवाला के साढ़े आठ करोड़ रुपए कहां से आया। 
शातिरों ने एक फोटो भेजी जो कि अमित की बताई गई उसे शातिरों ने हवाला कारोबारी बताया और कहा कि इसकी फोटो से पहचान करो। साथ में कई प्रपत्र भी भेजे, जिस पर नितिन का नाम व आधार नंबर लिखा था।
सीबीआई अधिकारी बनकर बात करने वाले शातिर ने नितिन से कहा कि इस मामले में आगे की जांच प्रवीण सूद करेंगे जो प्रधानमंत्री के करीबी अधिकारी है। फिर शातिर ने कहा कि 70 हजार रुपये एक खाते में भेज दो।हम तुम्हे खाता नंबर भेज रहे हैं।
नितिन के मुताबिक जब सत्तर हजार देने की बात कही गई तभी उनका दिमाग ठनक गया। उन्होंने सोचा करोड़ों की बात करने वाले सत्तर हजार की छोटी रकम क्यों मांग रहे हैं। वह समझ गए कि उनके साथ ठगी का प्रयास किया जा रहा है और उन्होंने फोन काट दिया।