
संवाददाता
कानपुर। आईआईटी कानपुर के इकॉनिमक साइंस विभाग और वाधवानी सेंटर फॉर एआई पॉलिसी एंड आउटरीच के साझा प्रयास से 5 दिनों तक चलने वाले एक ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत हो गई है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का नाम ट्रेनिंग, इकोनॉमिक्स, पब्लिक पॉलिसी डेटा आधारित गवर्नेंस पर प्रशिक्षण है। इस प्रोग्राम को नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस द्वारा प्रायोजित किया गया है।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 19 से 23 मई 2025 तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।
आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने प्रोग्राम में शामिल होने वाले सभी लोगों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक नीति से जुड़े अधिकारियों के लिए डिज़ाइन किया गया यह ट्रेनिंग कार्यक्रम डेटा आधारित गवर्नेंस की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह ट्रेनिंग कार्यक्रम वाधवानी स्कूल ऑफ एआई एंड इंटेलिजेंट सिस्टम्स के तत्वावधान में आयोजित पहला कार्यक्रम है। हमें आशा है कि आने वाले समय में भी ऐसे ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन होता रहेगा, जो प्रभावशाली परिणामों की ओर ले जाएंगे। इसके साथ ही, उन्होंने प्रतिभागियों को आईआईटी कानपुर परिसर का अनुभव लेने के साथ-साथ फैकल्टी मेंबर्स से संवाद स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
इस दौरान नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस के डायरेक्टर सुरेंद्र बागड़े ने गवर्नेंस और नीति-निर्माण में टेक्नोलॉजी की बढ़ती भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि इस तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम अधिकारियों को डेटा केंद्रित गवर्नेंस के बारे में जानकारी देंगे। यह कार्यक्रम एक साझेदारी की शुरुआत को दर्शाता है, और हमें आशा है कि यह भविष्य के प्रशिक्षण प्रयासों के लिए एक मानक स्थापित करेगा।
वाधवानी स्कूल ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड इंटेलिजेंट सिस्टम्स स्कूल के डीन प्रो. नितिन सक्सेना ने बताया कि यह कार्यक्रम स्कूल की पहली प्रमुख पहल में से एक है। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच दिनों में हमारा लक्ष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सरल ढंग से समझाने के साथ-साथ अधिकारियों को गवर्नेंस में उभरती तकनीकों का मूल्यांकन और इसे इस्तेमाल करने के लिए आवश्यक टूल्स के बारे में सिखाना है।
इकॉनोमिक साइंस विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. सोहिनी साहू ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इकोनॉमिक्स, तकनीक और पब्लिक पॉलिसी को एक साथ लाता है। इससे वरिष्ठ अधिकारियों को डेटा आधारित फैसले लेने में गहरी समझ मिलेगी।
यह कार्यक्रम आर्थिक विज्ञान विभाग और वाधवानी सेंटर फॉर एआई पॉलिसी एंड आउटरीच से जुड़े प्रो. विमल कुमार के नेतृत्व में हो रहा है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए उन्होंने एनएlसजीजी के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमें इस पहल की मेज़बानी करके खुशी हो रही है। जैसे-जैसे समाज तेज़ी से तकनीकी परिवर्तन से गुजर रहा है, वैसे-वैसे इस प्रकार के कार्यक्रम गवर्नेंस और उभरती तकनीकों के बीच समझ की खाई को पाटने में सहायक होते हैं।अक्सर हम इन तकनीकों का उपयोग तो करते हैं, लेकिन उनकी मूल अवधारणाओं को पूरी तरह नहीं समझ पाते, यह प्रशिक्षण इस सोच में बदलाव लाने का प्रयास है।
अगले 5 दिनों तक चलने वाले इस ट्रेनिंग प्रग्राम के जरिए भारत के अलग-अलग मंत्रालयों में काम कर रहे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को डिजिटल गवर्नेंस के बारे में जानकारी हासिल करने का मौका मिलेगा।