संवाददाता।
कानपुर। नगर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में अब आधुनिक मशीनों से महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का शुरूआती स्टेज में ही पता लगाया जा सकेगा। इसके लिए विभाग में सीआरएस फंड से डिजिटल कोल्पोस्कोपी मशीन लगाई जा रही है। यह मशीन विभाग के पास आ चुकी है। इस मशीन को इस्टॉल करने के बाद अगले हफ्ते से महिलाओं को इसका लाभ दिया जाने लगेगा। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. नीना गुप्ता ने बताया कि इस मशीन का लाभ अब जल्द ही यहां आने वाली महिलाओं को मिलने लगेगा। यदि किसी महिला में शुरूआती सर्वाइकल कैंसर का पता चल जाएगा तो समय से जानकारी होने पर उनका तत्काल इलाज शुरू किया जाएगा। यदि मर्ज बाद में पता चलता है तो मरीज को इसमें उतनी ही दिक्कतों का सामने करना पड़ता है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में ऐसी कई महिलाएं इलाज के लिए आती है, जिनको कुछ समय तक अपनी बीमारी के बारे में पता ही नहीं चल पाता है कि वह सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित है। लेकिन अब स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में आने वाली लक्षण युक्त महिलाओं को शुरुआती स्टेज में ही बीमारी की जानकारी आसानी से हो सकेगी। सीआरएस फंड से डिजिटल कोल्पोस्कोपी मशीन ली गई है, जिसका बजट 8.9 लाख रुपये है। विभागाध्यक्ष डॉ. नीना गुप्ता ने बताया कि बच्चेदानी के मुंह के कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) का पता लगाने के लिए अस्पताल में डिजिटल कोल्पोस्कोपी मशीन आ गई है। अभी तक विभाग में आने वाली महिलाओं की जांच पुरानी मशीन से की जा रही थी। इस मशीन से सर्वाइकल कैंसर से बचाव में सहायता मिलेगी, क्योंकि डिजिटल कॉल्पोस्कोपी यह दिखा सकती है कि किसी महिला में ऐसी असामान्य कोशिकाएं हैं, जिन्हें निकाला जाना चाहिए। अगर वह गंभीर असामान्य कोशिकाएं पाई जाती हैं तो इन्हें हटाया जा सकता है। डॉ. नीना गुप्ता के मुताबिक महिलाओं में अनियमित ब्लीडिंग और जननांग से ऊपर के हिस्से में दर्द होता है तो यह कैंसर का संकेत माना जाता है। यह तकलीफ होने पर महिलाओं व युवतियों को जांच जरूर करवानी चाहिए। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर कैंसर है। इसे गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं या गर्भाशय के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है। विभागाध्यक्ष डॉ. नीना गुप्ता ने बताया कि इस मशीन में फोटो लेने के लिए अत्याधुनिक कैमरा, वीडियो और टीवी स्क्रीन लगी हुई है। इसके माध्यम से सर्वाइकल कैंसर की पहचान कर पाना काफी आसान होगा। इस मशीन के माध्यम से सर्वाइकल में होने वाले पेन, ब्लीडिंग आदि के कारणों का भी पता चल सकता है। साथ ही कैंसर के ट्यूमर की ग्रोथ भी देखी जा सकती है। डॉ. नीना गुप्ता ने बताया कि 1 जुलाई 2022 से लेकर अभी तक 2789 महिलाओं की कैंसर स्क्रीनिंग की जा चुकी है। पुरानी कोल्पोस्कोपी मशीन से 300 लोगों का परीक्षण किया जा चुका है। इसमें से 137 महिलाओं में कैंसर सामने आ चुका है, जिनका सफल ऑपरेशन किया जा चुका है।